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जितिया का व्रत पुत्र की लंबी उम्र और सुरक्षा के लिए रखा जाता है। यह व्रत माताएं करती हैं। जितिया का व्रत रखते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है। तो आइए उन नियमों के बारे में जानते हैं।

Jitiya Vrat 2024: सनातन धर्म के अनुसार, आज के दिन जितिया का व्रत रखा जाएगा। इस व्रत को रखने से बच्चों की लंबी उम्र, सुरक्षा और विकास होता है। माताएं जितिया व्रत निर्जला रहकर करती है। मान्यता है कि इस दिन जीमूतवाहन भगवान को समर्पित है। जो माताएं इस दिन निर्जला रहकर सच्चे मन से जीमूतवाहन भगवान की पूजा-पाठ करती हैं, उनके संतान की लंबी उम्र और सुरक्षा बढ़ जाती है। महिलाएं जितिया का व्रत संतान प्राप्ति के लिए भी रखती हैं।

पंचांग के अनुसार, प्रत्येक साल जितिया का व्रत अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। आज अश्विन माह की अष्टमी तिथि है और आज के ही दिन जितिया का व्रत रखा जा रहा है। आज के दिन महिलाएं व्रत रखेंगी और अगले दिन यानी 26 सितंबर दिन गुरुवार को सुबह 8 बजकर 36 मिनट तक पारण कर लेंगी। ऐसे में आज विधि-विधान से जितिया व्रता का पूजन भी होगा।

जितिया व्रत नियम

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जितिया व्रत की शुरुआत नहाय-खाय से होती है और इस दिन महिलाएं स्नान करती हैं। साथ ही, भगवान जीमूतवाहन देव की विधि-विधान से पूज करती हैं। उसके बाद ही भोजन ग्रहण करती हैं। अगले दिन निर्जला रहकर व्रत रखती हैं। व्रत के दौरान किसी भी प्रकार की कोई त्रुटि का ध्यान रखना पड़ता है। जैसे तामसिक भोजन, मांस मदिरा का सेवन वर्जित होता है।

जितिया व्रत में मन को शांत और शुद्ध रखना बहुत ही जरूरी है। यदि आपके मन में किसी के प्रति द्वेष या नकारात्मक विचार आते हैं तो इससे व्रत सफल नहीं माना जाता है। इससे व्रत के फल में बाधा भी आती है। व्रती को जीवन में कई तरह की कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ता है। बता दें कि जितिया व्रत के दिन किसी से झगड़ा या वाद-विवाद से बचना चाहिए। सभी से अच्छे से बातचीत करनी चाहिए। ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

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डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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