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हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। माघ पूर्णिमा के दिन स्नान और दान करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। इस दिन चंद्रमा के साथ-साथ माता लक्ष्मी की आराधना करना भी बेहद शुभ होता है।

(रुचि राजपूत)

Magh Purnima 2024 : सनातन धर्म में हर एक तिथि को विशेष स्थान प्राप्त है। प्रेत्येक तिथि किसी न किसी देवी देवता को समर्पित की गई है। इस वर्ष माघ पूर्णिमा 24 फ़रवरी को पड़ेगी। सनातन धर्म में माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व है। माघ पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा की जाती है। इसके इलावा इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने का भी विशेष महत्व होता है। तो चलिए जानते हैं हरदा के रहने वाले पंडित एवं ज्योतिषी धर्मेंद्र दुबे से माघ पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ की पूजा क्यों की जाती है और इससे क्या लाभ प्राप्त होता है।

माघ पूर्णिमा पर पीपल के पेड़ की पूजा से क्या फल प्राप्त होता है ?
हिन्दू धर्म में पीपल के पेड़ को बेहद शुभ माना गया है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार पीपल के पेड़ में सभी देवी देवताओं का वास होता है। पीपल के पेड़ की पूजा करने से सभी देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। माघ पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने का विशेष महत्व है। पूर्णिमा के दिन सभी देवी देवता पीपल के पेड़ में से अपना वास छोड़ देते हैं, और माता लक्ष्मी पूर्णिमा की प्रारंभ तिथि से समापन तक पीपल के पेड़ में अकेले निवास करती है। ऐसे में इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है, इसलिए माघ पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ की पूजा अवश्य करनी चाहिए। इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना साक्षात माता लक्ष्मी की पूजा करने के समान माना जाता है।

क्या होता है माँ पूर्णिमा पर पीपल कि तेल की पूजा करने से
हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माघी पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और धन लाभ के योग भी बनते हैं। घर से नकारात्मक ऊर्जा ख़त्म होती है, और तंगी दूर होने लगती है। माघ पूर्णिमा के दिन संध्याकाल में पीपल के पेड़ की पूजा की जाए और इसकी परिक्रमा लगाई जाए, तो माता लक्ष्मी का घर में आगमन होता है।

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