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सनातन धर्म में एकादशी के व्रत का विशेष महत्व बताया गया है, एकादशी का व्रत भगवान विष्णु के निमित्त रखा जाता है। इस व्रत को करने से जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं।

(कीर्ति राजपूत)

Mokshda Ekadashi 2023 : सनातन धर्म में भगवान विष्णु के निमित्त किए जाने वाला एकादशी का व्रत विशेष माना जाता है। हर महीने आने वाली एकादशी तिथि में कुछ एकादशी खास मानी गईं हैं, जिनमें से एक है मोक्षदा एकादशी। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने, एकादशी का व्रत करने और दान पुण्य करने से हमारे पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर गीता जयंती भी मनाई जाती है। आईए भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से जानते हैं मोक्षदा एकादशी तिथि का शुभ मुहूर्त और व्रत पारण का समय।

मोक्षदा एकादशी तिथि का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के एकादशी तिथि पर गीता जयंती या मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है, मोक्षदा एकादशी की शुरुआत 22 दिसंबर दिन शुक्रवार समय सुबह 8:16 बजे से हो रही, जिसका समापन 23 दिसंबर 2023 दिन शनिवार सुबह 7:12 बजे होगा। गृहस्थ जीवन जीने वाले और शैव संप्रदाय के लोग 22 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी व्रत करेंगे। वहीं वैष्णव संप्रदाय के लोग 23 दिसंबर 2023 को मोक्षदा एकादशी का व्रत करेंगे।

मोक्षदा एकादशी व्रत पारण का समय
जो लोग 22 दिसंबर 2023 को मोक्षदा एकादशी का व्रत कर रहे हैं, वे 23 दिसंबर 2023 को दोपहर 1:16 बजे से 3:26 बजे के बीच अपने व्रत का पारण कर सकते हैं। वहीं जो लोग 23 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी का व्रत कर रहे हैं, वे 24 दिसंबर को सुबह 7: 11 बजे से 9:15 बजे के बीच व्रत का पारण करें। इसी दिन यानी गीता जयंती के दिन भगवान कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को गीता का ज्ञान भी दिया था। इसलिए इस दिन गीता का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है।

इस दिन क्या खरीदें
मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति खरीदना शुभ होता है, इसके अलावा सफेद हाथी और चांदी की मछली खरीदने से आपकी सुख समृद्धि बढ़ सकती है।

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