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Navratri Ke Baad Jaware Ka Kya Kare: नवरात्रि में मातारानी के सामने ज्वारे दक्षिण दिशा में भूलकर भी न रखें। हिंदू धर्म में दक्षिण दिशा यम की दिशा कही गई है। इसलिए इस दिशा में न तो ज्वारे रखें और न ही मातारानी का कलश।

Navratri Ke Baad Jaware Ka Kya Kare: नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के समय ज्वारे या जौ बौने की परंपरा है। नवरात्रि के 9 दिनों तक इन्हें सींचा जाता है, ताकि ये अच्छे से उग सके। मान्यता है कि, यदि इन 9 दिनों में ज्वारे हरे-भरे हो गए, तो आपके परिवार में सुख-समृद्धि और संपन्नता आने वाली है, यानी कि मातारानी आपकी पूजा से प्रसन्न है। दूसरी तरफ हरे-भरे ज्वारों को कई लोग अच्छी फसल होने के सूचक के रूप में देखते है। इसी दौरान लोगों के मन में एक सवाल होता है कि, नवरात्रि के पश्चात इन ज्वारों का क्या करें? यदि आप भी इस सवाल का जवाब चाहते है, तो यह लेख पूरा पढ़े- 

नवरात्रि पूजन के बाद ज्वारे का क्या करना चाहिए? 
(Navratri ke baad jaware kya karna chahiye) 

नवरात्रि पूजन के बाद आप ज्वारे को मिट्टी के बर्तन से बाहर निकाल लें। इनमें से कुछ ज्वारे पूजा स्थल पर रख दें। शेष ज्वारे तिजोरी अथवा पैसे रखने के अन्य स्थान पर रखें। इसके अलावा एक-दो ज्वारे अपने पर्स में भी रखें। मान्यताओं के मुताबिक, ऐसा करने से जीवन में खुशहाली व आर्थिक संपन्नता आती है। इन सब के पश्चात भी यदि ज्वारे शेष रहते है, तो उन्हें किसी पवित्र बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। 

ज्वारे की दिशा से जुड़े नियम
(Jaware Ki Disha se Jude Niyam) 

नवरात्रि में मातारानी के सामने ज्वारे दक्षिण दिशा में भूलकर भी न रखें। हिंदू धर्म में दक्षिण दिशा यम की दिशा कही गई है। इसलिए इस दिशा में न तो ज्वारे रखें और न ही मातारानी का कलश। ध्यान रखें, ज्वारे की जगह को शरुआत में जहां रख दिया, वहीं रखें रहने दें। 9 दिन तक इसे हिलाएं-दुलायें नहीं। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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