Logo
Pitra Dosh Ke Lakshan Aur Upay: किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष होता है, तो उसे अपने जीवन में तमाम परेशानियों को झेलना पड़ता है। ज्योतिष के मुताबिक, पितृ दोष लगने के भी कई कारण है, जिन्हें जान लेना हर व्यक्ति के लिए जरुरी है।

Pitra Dosh Ke Lakshan Aur Upay: किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष होता है, तो उसे अपने जीवन में तमाम परेशानियों को झेलना पड़ता है। ज्योतिष के मुताबिक, पितृ दोष लगने के भी कई कारण है, जिन्हें जान लेना हर व्यक्ति के लिए जरुरी है। माना जाता है कि, यदि किसी मृतक व्यक्ति का अंतिम संस्कार विधिवत नहीं होता है, तो उसके परिवार के लोगों को पितृ दोष का सामना करना पड़ता है। यह दोष न सिर्फ एक पीढ़ी बल्कि पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहता है। 

पितृदोष के लक्षण
(Pitra Dosh Ke Lakshan) 

  • - पितृ दोष की वजह से व्यापार या नौकरी में आर्थिक नुकसान चलता रहता है। 
  • - पितृ दोष की वजह से विवाह में रुकावट आ सकती है और तलाक हो सकता है। 
  • - पितृ दोष की वजह से घर की महिलायें संतान सुख से वंचित रह सकती है। 
  • - तमाम उपाय के बाद यदि बच्चा हुआ तो, वह मंदबुद्धि, विकलांग हो सकता है। 
  • - पितृ दोष की वजह से घर की गर्भवती महिला का बच्चा पैदा होते ही मर जाता है।
  • - पितृ दोष की वजह से घर के सदस्यों के बीच आपसी अनबन चलती रहती है। 
  • - पितृदोष की वजह से व्यक्ति को अज्ञात दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है।

पितृ दोष क्यों लगता है? 
(Pitra Dosh Kaise Lagta Hai) 

ज्योतिष के अनुसार, घर के किसी भी व्यक्ति का विधि-विधान से अंतिम संस्कार न किया जाए तो, उसके परिवार में पितृ दोष व्यापत होने लगता है। इसके अलावा किसी व्यक्ति की असमय मौत हो जाए तो, उसके परिवार की कई पीढ़ियों तक पितृ दोष का सामना करना पड़ता है। यही नहीं, माता-पिता का अपमान करने और उनकी मृत्यु के बाद परिवार के सदस्यों का पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध न करने पर भी पूरे परिवार के लोगों को इस दोष का सामना करना पड़ेगा। 

हमारे धर्म-शास्त्रों में पितृ दोष का संबंध सर्प से भी माना गया है। कहा जाता है कि, यदि भूलवश भी आपने सांप को मार दिया है, तो पितृ दोष लग जाता है। इसके अलावा पितरों का श्राद्ध न करना और अपने जीवनकाल में कभी भी पीपल, नीम या बरगद का पेड़ काटने से भी पितृ दोष लग सकता है। 

पितृ दोष के उपाय
(Pitra Dosh Ke Upay) 

  • - पितृ पक्ष के दौरान अपने पितरों के लिए विधि-विधान से तर्पण और श्राद्ध अवश्य करें। 
  • - पितृ पक्ष के दौरान पितरों का तर्पण और श्राद्ध करने के बाद ब्राह्मण भोजन करवाएं। 
  • - पितृ पक्ष के दौरान पितरों का तर्पण और श्राद्ध करने के बाद ब्राह्मण को दान करें। 
  • - प्रतिवर्ष एकादशी, चतुर्दशी, अमावस्या पर पितरों को जल तर्पण करें और त्रिपंडी श्राद्ध करें।
  • - प्रतिदिन दोपहर के समय पीपल के वृक्ष की पूजा करें, इससे पितरों की आत्मा शांत रहेगी। 
  • - पीपल के जल में काले तिल, दूध, अक्षत और पुष्प अर्पित करें, इससे पितर प्रसन्न होते है। 
  • - पितृ पक्ष के दौरान या हर रोज शाम घर की दक्षिण दिशा में तेल का दीपक प्रज्ज्वलित करें। 
  • - घर की दक्षिण दिशा में पूर्वजों की तस्वीरें लगाएं और हर रोज उनसे गलतियों की क्षमा मांगे। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

5379487