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Pitru Paksha 2024: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृपक्ष में हमारे पितर धरती पर आकर हमें आशीर्वाद प्रदान करते है। इस दौरान पशु पक्षियों के माध्यम से पितृ हमारे नजदीक आते है और भोजन ग्रहण करते है। ये पशु-पक्षी है - गाय, कुत्ता, कौवा और चींटी।

Pitru Paksha 2024: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृपक्ष में हमारे पितर धरती पर आकर हमें आशीर्वाद प्रदान करते है। इस दौरान पशु पक्षियों के माध्यम से पितृ हमारे नजदीक आते है और भोजन ग्रहण करते है। ये पशु-पक्षी है - गाय, कुत्ता, कौवा और चींटी। श्राद्ध के समय पशु-पक्षियों के लिए अपने भोजन का एक अंश निकाला जाता है, जो श्राद्ध कर्म पूर्ण होने का ही एक हिस्सा है। श्राद्ध कर्म विधि में गाय, कुत्ता, चींटी, कौवा और देवताओं के लिए आहार के पांच अंश निकाले जाते है, जिन्हें अर्पण करने को पञ्च बलि कहा जाता है। चलिए जानते है पञ्च बलि देने का तरीका उन पांच पशु-पक्षियों के बारे में- 

पितृ पक्ष में पच्च बलि देने का तरीका
(Pitru Paksha me Panch Bali Dene Ka Tarika)

पितृ पक्ष में पच्च बलि देने के लिए सबसे पहले भोजन की तीन आहुति कंडा जलाकर दी जाती है। इसके बाद भोजन करने से पहले पांच जगह पर अलग-अलग भोजन का थोड़ा-थोड़ा अंश निकालें। ये पांच अंश गाय, कुत्ता, चींटी और देवताओं के लिए पत्ते पर तथा कौवे के लिए भूमि पर रखा जाता है। 

पितृ पक्ष में इन पांच जीवों का ही चुनाव क्यों किया गया? 
(Pitru Paksha me Paanch Jeev Kaunse Hai) 

हिंदू धर्म शास्त्रों में कुत्ते को जल तत्त्व, चींटी को अग्नि तत्व, कौवा को वायु तत्व, गाय को पृथ्वी तत्व और देवताओं को आकाश तत्व का प्रतीक माना गया है। यही वजह है कि, इन पांच को आहार देकर हम पंच तत्वों के प्रति आभार व्यक्त करते है। शास्त्रों के अनुसार, पितृ पक्ष में गाय की सेवा विशेष फलदाई मानी गई है क्योंकि गाय में ही एक साथ पांच तत्वों की मौजूदगी होती है। यदि पितृ पक्ष में गाय को चारा खिलाया जाए, तो पितरों को तृप्ति प्राप्त होती है। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।
 

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