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Sarva Pitru Amavasya 2024 : इस वर्ष श्राद्ध पक्ष की शुरुआत 18 सितंबर से हुई थी। वहीं, इसका समापन अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को होगा, जिसे सर्वपितृ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।

Sarva Pitru Amavasya 2024 : इस वर्ष श्राद्ध पक्ष की शुरुआत 18 सितंबर से हुई थी। वहीं, इसका समापन अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को होगा, जिसे सर्वपितृ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष सर्व पितृ अमावस्या 2 अक्टूबर 2024, बुधवार को आ रही है। कहते है, जिन पितरों की तिथि ज्ञात नहीं होती है, उन सभी का श्राद्ध सर्वपितृ अमावस्या के दिन किया जाता है। चलिए जानते इस बारे में अधिक जानकारी। 

कब है सर्व पितृ अमावस्या?
(Kab Hai Sarva Pitru Amavasya)

पंचांग के अनुसार, सर्व पितृ अमावस्या यानी अश्विन माह कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 01 अक्टूबर 2024 को रात 09 बजकर 34 मिनट पर हो रही है। वहीं, 03 अक्टूबर को सुबह 12 बजकर 18 मिनट पर इसका समापन होगा। उदयातिथि के अनुसार, 2 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या रहेगी। 

सर्व पितृ अमावस्या शुभ मुहूर्त
(Sarva Pitru Amavasya Muhurat)

  • कुतुप मुहूर्त - सुबह 11:45 से दोपहर 12:24 तक। 
  • रौहिण मुहूर्त - दोपहर 12:34 से दोपहर 01 :34 तक। 
  • अपराह्न काल - दोपहर 01:21 से दोपहर 03:43 तक। 

सर्व पितृ अमावस्या के दिन किसका श्राद्ध होता है?
(Sarva Pitru Amavasya Par Kiska Shraddh Hota Hai) 

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, श्राद्ध पक्ष का आखिरी दिन ही सर्व पितृ अमावस्या होता है। इस दिन सभी पितरों का श्राद्ध करने का रिवाज है। जिन लोगों को अपने परिजनों की मृत्यु तिथि ज्ञात नहीं होती है, उनका तर्पण,श्राद्ध और पिंडदान 'सर्व पितृ अमावस्या' के दिन किया जा सकता है। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।
 

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