pradosh vrat 2023: शनि देव का जीवन में बहुत महत्व है। अगर जीवन में शनि देव नाराज हो जाएं तो काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। अगर शनि अशुभ हैं तो प्रदोष व्रत के दिन व्रत और पूजा करने से लाभ होता है।प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस दिन पूजा करने से प्रदोष काल कट जाता है। इसलिए इस दिन पूजा करने का विशेष महत्व है।
इस बार का प्रदोष व्रत मार्गशीर्ष माह के रविवार में पड़ रहा है। रविवार के दिन इस प्रदोष व्रत के पड़ने के कारण इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाएगा।ऐसे लोग जिन पर शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या का प्रकोप है। वे अगर रवि प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की आराधना करेंगे तो उन्हें शनि के प्रकोप से छुटकारा मिल जाएगा।
कुछ ऐसी राशियां भी हैं जिसमें शनि का प्रकोप चल रहा है। कुंभ, मकर, मीन राशि वालों पर साढ़ेसाती और वृश्चिक, कर्क राशि वालों पर शनि की ढैय्या चल रही है। इसलिए इससे छुटकारा पाने के लिए शिवलिंग पर जल चढ़ाना शुभ माना गया है। इसके साथ ही लिंगाष्टकम स्त्रोत का पाठ करें। इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
प्रदोष व्रत के दिन शिव स्तुति का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से शनि देव के साथ-साथ राहु और केतु के प्रकोप और दुष्प्रभाव से मुक्ति मिल सकेगी। सकारात्मक ऊर्जा के जीवन में तरक्की के सभी राह खुल जाएंगे।