Logo
Guru Purnima 2024: हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुरु पूर्णिमा को महर्षि वेदव्यास की जयंती के रुप में मनाया जाता है। इस बार गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई 2024 के दिन है।  

Guru Purnima 2024: हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का काफी महत्व माना गया है और यह हर महीने में मनाई जाती है। लेकिन आषाढ़ मास की पूर्णिमा का काफी खास महत्व है। इस पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इसे हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म के धार्मिक शास्त्रों में न केवल महत्वपूर्ण उत्सव माना गया है, बल्कि काफी पवित्र भी माना जाता है। शास्त्रों में गुरु का स्थान देवताओं से ऊपर बताया गया है। इस बार आषाढ़ मास की गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई 2024 के दिन है।  
 
महर्षि वेदव्यास संसार के पहले गुरु
हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुरु पूर्णिमा को महर्षि वेदव्यास की जयंती के रुप में मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। इसलिए इस पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा और वेद व्यास जयंती के नाम से भी जाना जाता है। महर्षि वेदव्यास ने पहली बार मानव जाति को चारों वेदों का ज्ञान दिया था। इसके अलावा उन्होंने महाभारत, सामवेद सहित कई महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथों और पुराणों की रचना की। इसलिए उनको इस संसार का पहला गुरु कहा जाता है। हालांकि बौद्ध धर्म में माना जाता है कि गौतम बुद्ध ने इसी दिन अपना पहला उपदेश दिया था। यहीं कारण है कि इस दिन गौतम बुद्ध अनुयायी, उनकी पूजा करते है और इस पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रुप में मनाते हैं।

शुभ मुहूर्त 
तिथि का आरंभ शनिवार यानी 20 जुलाई 2024 की शाम 05 बजकर 59 मिनट पर होगा। जबकि इसका समापन रविवार यानी 21 जुलाई 2024 की दोपहर 03 बजकर 46 मिनट पर होगा। 
 
पूजा विधि

  • इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
  • इसके बाद पूजा के स्थान पर गुरु व्यास की प्रतिमा को स्थापित करें। 
  • अब उन्हें रोली, चंदन, फूल और फल अर्पित करें।
  • पूजा के दौरान शुक्रदेव और शंकराचार्य आदि गुरुओं का भी आवाहन करें। 
  • इस दिन आप अपने गुरु का आशीर्वाद जरूर लें।

आकांक्षा तिवारी

jindal steel jindal logo
5379487