Gautam Gambhir: ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम इंडिया के फीके प्रदर्शन के बाद से ही हेड कोच गौतम गंभीर भी सुर्खियों में है। बात टीम इंडिया में खींचतान तक पहुंच चुकी है। ऐसी खबरें आ रही हैं कि टीम इंडिया में सब ठीक नहीं है। बतौर कोच गंभीर से खिलाड़ी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और ड्रेसिंग रूम का माहौल भी तनावपूर्ण बना हुआ है। ऐसे में अगर भारत सिडनी टेस्ट नहीं जीत पाता है और बॉर्डर-गावस्कर सीरीज ड्रॉ नहीं होती है तो फिर चैंपियंस ट्रॉफी के बाद गंभीर को लेकर भी फैसला हो सकता है।
भारत ने पिछले साल जून में टी20 विश्व कप जीता था। तब राहुल द्रविड़ टीम के हेड कोच थे। इसके बाद गौतम गंभीर भारतीय क्रिकेट टीम के कोच बने थे। हालांकि, उनके बीते 6 महीने के कार्यकाल में टीम इंडिया का प्रदर्शन टेस्ट और वनडे में फीका ही रहा है। श्रीलंका के खिलाफ भारत को वनडे सीरीज गंवानी पड़ी थी। इसके बाद न्यूजीलैंड ने भारत को टेस्ट सीरीज में 3-0 से हराया और अब ऑस्ट्रेलिया में भी भारत 1-2 से पिछड़ रहा है।
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गंभीर से खिलाड़ी खुश नहीं: रिपोर्ट
अगर भारत सिडनी टेस्ट हार जाता है तो फिर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की रेस से पूरी तरह बाहर हो जाएगा। न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, 'पता चला है कि गंभीर टीम के अधिकांश खिलाड़ियों के साथ एकमत नहीं हैं और संवाद उतना अच्छा नहीं है जितना रवि शास्त्री और राहुल द्रविड़ के समय हुआ करता था। कप्तान रोहित शर्मा ने कहा है कि वह चयन के मुद्दों पर खिलाड़ियों से व्यक्तिगत रूप से बात करते हैं। लेकिन जुलाई में गंभीर के कार्यभार संभालने के बाद, रोहित ने कुछ जूनियर खिलाड़ियों को यह स्पष्ट नहीं किया है कि उन्हें टीम से क्यों बाहर रखा जा रहा है।'
चैंपियंस ट्रॉफी के बाद गंभीर की समीक्षा होगी
रिपोर्ट में आगे दावा किया गया है कि खिलाड़ी लगातार हो रहे प्रयोग से असुरक्षित महसूस कर रहे, जिससे अस्थिरता पैदा हो रही। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह भी विश्वसनीय रूप से पता चला है कि गंभीर, जिन्हें अधिक मुखर व्यक्ति माना जाता है, उन खिलाड़ियों के समूह से बहुत अधिक विश्वास अर्जित नहीं कर पाए हैं, जो कोहली या रोहित जितने उम्रदराज नहीं हैं, लेकिन हर्षित राणा या नीतीश रेड्डी जैसे नए भी नहीं।
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर समाचार एजेंसी को बताया, "अभी एक टेस्ट मैच खेला जाना है और फिर चैंपियंस ट्रॉफी भी है। अगर प्रदर्शन में सुधार नहीं हुआ तो गौतम गंभीर की स्थिति भी सुरक्षित नहीं रहेगी।" इस समय सेलेक्शन कमेटी के साथ गंभीर का समीकरण भी साफ नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि टीम में ऐसे खिलाड़ी हैं, जो प्लेइंग इलेवन के साथ प्रयोग करने की उनकी प्रवृत्ति के कारण असुरक्षित महसूस कर रहे।
अगर फरवरी-मार्च में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी में भारत का प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा तो गंभीर के पर कतर दिए जाएंगे। अधिकारी ने कहा, 'वह कभी भी बीसीसीआई की पहली पसंद नहीं थे (वीवीएस लक्ष्मण थे) और कुछ जाने-माने विदेशी नाम तीनों प्रारूपों के कोच नहीं बनना चाहते थे, इसलिए उन्हें मजबूरी में बोर्ड ने कोच बनाया।