चेन्नई. भारत और बांग्लादेश के बीच पहले टेस्ट में विराट कोहली महज 6 ही रन बनाकर आउट हो गए। उन्हें हसन महमूद ने विकेटकीपर लिट्टन दास के हाथों कैच कराया। इसी के साथ विराट एक और पारी में सेंचुरी नहीं लगा सके। विराट के लिए साल 2024 सबसे खराब साबित हो रहा है।
सबसे खराब साल क्यों?
16 साल लंबे करियर में विराट कोहली कभी भी इतने बुरे दौर में नहीं रहे। वह इस साल तीनों फॉर्मेट के 15 मैच खेल कर भी 302 रन ही बना सके हैं। इस दौरान उनका औसत महज 18.87 का रहा। उनके बैट से एक ही फिफ्टी निकली, जो उन्होंने टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में साउथ अफ्रीका के खिलाफ लगाई थी।
For the first time in Test cricket, both Rohit Sharma and Virat Kohli were dismissed for the same score in the same innings.#INDvBAN #CricketTwitter pic.twitter.com/XBHaBZjZBg
— Pushkar Pushp (@ppushp7) September 19, 2024
इससे पहले कौन सा साल था खराब
2024 से पहले विराट का सबसे खराब साल 2008 था, जब उन्होंने डेब्यू ही किया था। तब वह 5 मुकाबलों में 31.80 की औसत से 159 रन ही बना सके थे। तब भी वह एक ही फिफ्टी लगा सके थे।
2020-21 में भी खराब था फॉर्म
2008 और 2024 के अलावा विराट का सबसे खराब दौर 2020 और 2021 में देखने को मिला। 2020 में विराट 22 मैचों में 36.60 की औसत से 842 रन बना सके थे। जबकि 2021 में उन्होंने 24 मैचों में 37.07 की औसत से 964 रन बनाए थे।
हालांकि, विराट ने 2020 में 7 और 2021 में 10 फिफ्टी लगा दी थी। जबकि 2024 में वह एक ही फिफ्टी लगा सके हैं। इस साल उन्होंने 2 टेस्ट, 3 वनडे और 10 टी-20 खेले हैं। वनडे में वह 58, टेस्ट में 64 और टी-20 में 180 रन ही बना पाए।