Kamindu mendis ambidextrous bowling: आईपीएल में हर बार ऐसा कुछ होता है, जो सुर्खियां बन जाता है। सनराइजर्स हैदराबाद बनाम कोलकाता नाइट राइडर्स मैच में भी ऐसा ही कुछ हुआ। श्रीलंकाई बैटर कामिंदु मेंडिस ने हैदराबाद के लिए अपना आईपीएल डेब्यू किया और अपने पहले ही मैच में उन्होंने इतिहास रच दिया। मेंडिस ने अपने पहले ही मैच में एक ही ओवर में दोनों हाथों से गेंदबाजी की। वो आईपीएल इतिहास में ऐसा करने वाले पहले गेंदबाज बने।
कामिंदु सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) की ओर से खेल रहे थे और ईडन गार्डन्स में खेले गए इस मैच में उन्होंने 13वें ओवर में तीन गेंद बाएं हाथ से और तीन गेंद दाएं हाथ से फेंकी। मेंडिस के इस ऐतिहासिक ओवर की चौथी गेंद पर अंगकृष रघुवंशी (50 रन, 32 गेंद) का विकेट मिला। हर्षल पटेल ने बाउंड्री के पास रघुवंशी का शानदार कैच लपका।
KAMINDU MENDIS BOWLING WITH BOTH HANDS IN IPL 🤯🔥 pic.twitter.com/fLbM1NUK4u
— Johns. (@CricCrazyJohns) April 3, 2025
पहले भी दिखा चुके हैं कमाल
कामिंदु मेंडिस की इस अनोखी गेंदबाजी की झलक इससे पहले 2016 अंडर-19 वर्ल्ड कप में भी देखी गई थी। वहीं, पिछले साल भारत के खिलाफ टी20 मैच में उन्होंने सूर्यकुमार यादव और ऋषभ पंत के खिलाफ दोनों हाथों से गेंदबाजी की थी।
People who can use both right and left hands with equal skill are Ambidextrous and There are only 1% such people on earth. Kamindu Mendis is one of them 🤯🤯#KKRvsSRHpic.twitter.com/ZDWGmonDJj
— ᴄʜɪʜᴀʏᴀ♡̷̷ˎˊ (@Oye_Chihaya) April 3, 2025
कैसे किया यह कमाल?
मेंडिस की बाएं हाथ की स्पिन ज्यादा प्रभावी मानी जाती है, लेकिन उन्होंने हालात के हिसाब से रणनीति अपनाई। जब रघुवंशी आउट हुए, तब क्रीज पर दो लेफ्ट हैंडर्स (वेंकटेश अय्यर और रिंकू सिंह) आ गए, जिससे मेंडिस को आगे गेंदबाजी का मौका नहीं मिला।
क्या यह नियमों के खिलाफ है?
नहीं, गेंदबाज को एक ही ओवर में दोनों हाथ से गेंदबाजी करने की अनुमति होती है। हालांकि, आमतौर पर अंपायर को पहले से सूचित करना पड़ता है, लेकिन इस मैच में मेंडिस को हर बार बताने की जरूरत नहीं पड़ी। अंपायर्स ने इस पर प्रैक्टिकल अप्रोच अपनाई और उन्होंने दाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ बाएं हाथ से और बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ दाएं हाथ से गेंदबाजी की।
कामिंदु मेंडिस आईपीएल में ऐसा करने वाले पहले गेंदबाज बने हैं। इससे पहले 1996 वर्ल्ड कप में श्रीलंका के हसन तिलकरत्ने और 1958 में पाकिस्तान के हनीफ मोहम्मद भी यह कारनामा कर चुके हैं।