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dc vs rcb: दिल्ली कैपिटल्स के बैटर केएल राहुल ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ 93 रन की नाबाद पारी खेल टीम को जीत दिलाई। इसके बाद उन्होंने साफ कर दिया कि बेंगलुरु मेरा घर है और यहां के विकेट को मुझसे बेहतर कोई नहीं जानता।

dc vs rcb highlights: दिल्ली कैपिटल्स ने आईपीएल 2025 के 24वें मुकाबले में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को उसके घर में 6 विकेट से हराया। दिल्ली की जीत के हीरो लोकल ब्यॉय केएल राहुल रहे। उन्होंने 93 रन की नाबाद पारी खेली। राहुल ने जब मुकाबला खत्म किया तो उन्होंने अपने बैट से गोला बनाया और ये बताने की कोशिश की वो यहां के सिकंदर हैं। 

केएल राहुल कर्नाटक से ही घरेलू क्रिकेट खेलते हैं। ऐसे में उन्होंने क्रिकेट की बारीकियां बेंगलुरु के इसी चिन्नास्वामी स्टेडियम में सीखीं हैं। ऐसे में जब यहां उन्होंने 93 रन की धमाकेदारी पारी खेली तो वो खुद को आक्रामक अंदाज में जश्न मनाने से रोक नहीं पाए। राहुल पहले आरसीबी की तरफ से ही खेलते थे। इसके बाद पंजाब किंग्स, लखनऊ सुपर जायंट्स होते हुए वो दिल्ली कैपिटल्स में आए हैं। 

दिल्ली कैपिटल्स में राहुल बतौर बैटर खेल रहे हैं और टीम के लिए संकटमोचक साबित हो रहे हैं। आरसीबी के खिलाफ मैच में भी एक समय दिल्ली ने 30 रन में तीन विकेट गंवा दिए थे। इसके बाद चौथे नंबर पर उतरे राहुल ने धुंआधार पारी खेली और 164 रन के लक्ष्य को 18वें ओवर में ही हासिल कर लिया। उन्होंने 93 रन की पारी में 6 छक्के और 7 चौके उड़ाए। 

मैच के बाद राहुल ने अपनी पारी को लेकर कहा, 'यह मेरा मैदान है, मेरा घर है, मैं इसे किसी और से बेहतर जानता हूं। मैंने हमेशा अपनी तैयारी के साथ जो किया है वह यह है कि मैं हमेशा अलग-अलग विकेटों (यहां तक ​​कि अभ्यास में भी) के अनुकूल होने की कोशिश करता हूं। मैं प्रैक्टिस में प्रयोग करता हूं, कई बार आउट होता हूं लेकिन इससे मुझे उन एरिया के बारे में पता चल जाता है, जहां मैच के दौरान मैं शॉट खेल सकता हूं-जहां मैं सिंगल ले सकता हूं, जहां मैं छक्के मार सकता हूं। मैं घंटों तक बल्लेबाजी नहीं करता और लगातार स्लॉग नहीं करता हूं। मैं कभी-कभी ऐसा करता हूं लेकिन ऐसा तब होता है जब मैं लय में नहीं आ पाता हूं। यह इस बारे में अधिक है कि मैं (किसी विशेष पिच पर) कैसे खेल सकता हूं और यह दूसरी प्रकृति बन जाती है।'

राहुल ने आगे कहा, 'यह थोड़ा मुश्किल विकेट था लेकिन मुझे 20 ओवर तक स्टंप के पीछे रहकर विकेट पर खेल को देखने में मदद मिली। गेंद थोड़ा नीचे रह रही थी लेकिन यह पूरे समय एक जैसी थी, यह एक-गति वाली थी। मुझे पता था कि मेरे शॉट क्या हैं, मैं अच्छी शुरुआत करना चाहता था। इस तरह के विकेट पर, मुझे पता था कि मैं किस हिस्से में शॉट्स लगा सकता हूं। अगर मैं बड़ा छक्का मारना चाहता था, तो मुझे पता था कि किन पॉकेट्स को निशाना बनाना है, और कीपिंग से मुझे यह पता चलता था कि दूसरे बल्लेबाज कहां आउट हुए और उन्होंने कहां छक्के मारे।'

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