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MS Dhoni Test Centuries: टीम इंडिया में 21वीं सदी से पहले विकेटकीपर बैटर्स की कमी रही। कभी राहुल द्रविड़ तो कभी अजय रात्रा ने इस जिम्मेदारी को संभाला।

मुंबई. भारत में विकेटकीपर बैटर्स होने एक समय पर बहुत बड़ी बात थी। फिर 2004 में महेंद्र सिंह धोनी ने डेब्यू कर लिया। जो 2014 तक टेस्ट और 2019 तक लिमिटेड ओवर्स फॉर्मेट में भी भारत के विकेटकीपर बने रहे। 

अब धोनी के जाने के बाद टीम इंडिया में अच्छे विकेटकीपर्स बैटर्स की बाढ़ सी आ गई है। जिन्होंने ऐसे-ऐसे रिकॉर्ड्स अपने नाम कर लिए हैं, जो धोनी अपने पूरे करियर में हासिल नहीं कर सके। 

कौन सा रिकॉर्ड नहीं बना सके धोनी?
एमएस धोनी ने 2005 में भारत के लिए टेस्ट खेलना शुरू किया, उन्होंने तब से 2014 तक टीम के लिए 90 टेस्ट खेले। इनमें उन्होंने 38 की औसत से 4876 रन बनाए। जिनमें 6 सेंचुरी और 33 फिफ्टी शामिल रहीं। उनकी 5 सेंचुरी भारत और एक सेंचुरी पाकिस्तान में आईं। 

धोनी अपने करियर में एक भी सेंचुरी एशिया के बाहर नहीं लगा सके। जबकि उनके बाद डेब्यू करने वाले केएल राहुल और ऋषभ पंत बहुत साल पहले ही इस रिकॉर्ड को अपने नाम कर चुके हैं। 

पंत के नाम सेना देशों में 4 शतक 
ऋषभ पंत इस वक्त भारत के बेस्ट टेस्ट बैटर हैं, जो अपने करियर के 6 में से 4 शतक विदेश में लगा चुके हैं। उन्होंने इंग्लैंड में 2 सेंचुरी लगाई हैं। वहीं साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में भी उनके नाम 1-1 शतक हैं। इन शतकों की शुरुआत उन्होंने 2018 में इंग्लैंड दौरे पर ही कर दी थी। 

राहुल ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ लगाया था शतक
केएल राहुल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने डेब्यू टेस्ट में ही शतक लगा दिया था। हालांकि, तब वह बतौर विकेटकीपर नहीं खेले थे। वह टेस्ट करियर में 8 शतक लगा चुके हैं, लेकिन बतौर विकेटकीपर भी उनके नाम विदेश में एक शतक है। उन्होंने पिछले साल ही साउथ अफ्रीका में 101 रन की पारी खेली थी। 

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