Nitish Reddy Father Touches Sunil Gavaskar Feet: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न टेस्ट में पहला इंटरनेशनल शतक ठोकने वाले नीतीश कुमार रेड्डी के पिता मुत्याला रेड्डी की पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर से मुलाकात हुई। इस दौरान मुत्याला ने गावस्कर के पैर छुए। नीतीश के पिता ने अपना सिर गावस्कर के पैरों पर रख दिया। इसके बाद गावस्कर ने नीतीश के पिता को उठाया और गले लगा लिया। इस मौके पर गावस्कर भी भावुक हो गए और उनकी आंखों से झर-झर आंसू बहने लगे। इसका वीडियो वायरल हो रहा।
सुनील गावस्कर ने इसके बाद नीतीश रेड्डी के पिता से कहा, 'आपके बलिदान के कारण भारत को नीतीश रेड्डी नाम का नया हीरा मिला है। हम जानते हैं कि आपने कितना बलिदान दिया और कितना त्याग किया है। आपका संघर्ष बहुत बड़ा है। आपके कारण मैं रो रहा हूं। आपकी वजह से भारत को और भारतीय क्रिकेट को हीरा मिला है।'
A father's pride, a son's resolve! 💙#NitishKumarReddy's father, #MutyalaReddy shares an emotional journey, as #RaviShastri & #SunilGavaskar hail the grit, character & sacrifices behind the glory! 🫡💪🏻#AUSvINDOnStar 👉 4th Test, Day 4, LIVE NOW! pic.twitter.com/fLK7rWvSOd
— Star Sports (@StarSportsIndia) December 29, 2024
सुनील गावस्कर से मुलाकात के दौरान पिता के साथ नीतीश की मां, बहन और भाई भी थे। नीतीश की मां और बहन ने भी गावस्कर के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। मां भी बेटे की इस उपलब्धि पर काफी खुश थीं। उन्होंने गावस्कर से कहा कि अभी भी यकीन नहीं हो रहा कि उनका बेटा इतने बड़े मैदान पर खेल रहा और इतनी बड़ी पारी उसने खेली है।
नीतीश के परिवार ने मैच में कॉमेंट्री कर रहे रवि शास्त्री से भी मुलाकात की। जब नीतीश का शतक पूरा हुआ था, तब शास्त्री की आंखों में आंसू थे। वो कुछ बोल नहीं पा रहे थे। नीतीश के परिवार से मुलाकात के दौरान शास्त्री ने कहा, 'पिता की तस्वीरें दिखाई जा रहीं थी, उन्होंने जो बलिदान दिया नीतीश को क्रिकेटर बनाने के लिए। वो कहानी सुनकर मैं भी भावुक हो गया। इससे भी अहम ये कि नीतीश ने जिस नाजुक मौके पर बल्लेबाजी की और शतक ठोका, इन सब बातों की कारण मेरी आंखों में आंसू थे। इसलिए आप बात कर पा रहे थे इरफान पठान के साथ लेकिन मैं कुछ नहीं बोल पा रहा था। पहले टूर पर ऑस्ट्रेलिया में ऐसी बल्लेबाजी के लिए कलेजा चाहिए।'
मुताल्या रेड्डी ने बेटे नीतीश को क्रिकेटर बनाने के लिए 2016 में हिंदुस्तान जिंक की अपनी नौकरी छोड़ दी थी। उन्होंने 25 साल पहले ही रिटायरमेंट ले लिया था।