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Rohit Sharma retirement: भारत को ऑस्ट्रेलिया के हाथों मेलबर्न टेस्ट 184 रन के अंतर से गंवाना पड़ा। एक बार फिर कप्तान रोहित शर्मा फ्लॉप रहे। इसके बाद से ये कयास लग रहे कि रोहित सिडनी में अपना आखिरी टेस्ट खेलेंगे। उन्होंने बीसीसीआई को अपने रिटायरमेंट के फैसले के बारे में बता दिया है।

Rohit Sharma retirement: मेलबर्न में भारत 13 साल से कोई टेस्ट नहीं हारा था लेकिन, वो रिकॉर्ड भी रोहित शर्मा की कप्तानी में इस बार टूट गया। ऑस्ट्रेलिया ने आखिरी दिन भारत को 340 रन का लक्ष्य दिया, जिसका पीछा करते हुए भारतीय टीम 155 रन ही बना सकी और बॉक्सिंग डे टेस्ट 184 रन के अंतर से हार गई। एक बार फिर रोहित शर्मा नाकाम रहे और दहाई का आंकड़ा नहीं पार कर पाए। इसके बाद से ही ऐसी खबरें आ रही हैं कि 3 जनवरी, 2025 से सिडनी में शुरू होने वाला बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का आखिरी मैच रोहित का लास्ट टेस्ट होगा। 

रोहित शर्मा ने Border Gavaskar Trophy 2024-25 में जसप्रीत बुमराह के 30 विकेट से सिर्फ 1 रन अधिक यानी 31 रन बनाए हैं। रोहित ने इस टेस्ट सीरीज के 3 मैच की 5 पारियों में महज 31 रन बनाए हैं जबकि बुमराह ने पूरी सीरीज में 30 विकेट लिए हैं। यानी रोहित ने किसी तरह बुमराह (30 विकेट) से एक रन अधिक बनाए हैं। 

इन आंकड़ों को देखकर हंसी आ सकती है और सोशल मीडिया पर मीम्स भी बन सकते हैं। लेकिन संजीदगी से देखें तो बतौर बैटर रोहित का इससे बुरा हाल पूरे टेस्ट करियर में कभी नहीं रहा। बल्ले से उनके खराब फॉर्म का असर उनकी कप्तानी पर भी पड़ा और भारत को  इसका खामियाजा उठाना पड़ रहा है। 

ब्रिसबेन टेस्ट में तो बारिश ने बचा दिया लेकिन मेलबर्न जहां पूरे 5 दिन का खेल हुआ, उसने ये बता दिया कि सफेद कपड़ों में अब रोहित का करियर खत्म होने के मुहाने पर ही है। बीसीसीआई के भीतर और सेलेक्टर्स के बीच भी इस बात की चर्चा चल पड़ी है और ऐसी खबर भी है कि रोहित ने भी अपना मन बना लिया है। 

यह घोषणा कब और कहां होगी, यह तो कोई नहीं जानता, लेकिन इसकी बहुत कम संभावना है कि भारतीय कप्तान रोहित शर्मा बॉर्डर-गावस्कर के बाद भी टीम में बने रहेंगे। रोहित निस्संदेह चयनकर्ताओं को मनाना चाहेंगे कि वे उन्हें विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में बने रहने दें, अगर भारत किसी तरह के चमत्कार के सहारे वहां पहुंच जाता है तो। हालांकि, अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो सिडनी रोहित का आखिरी टेस्ट ही होगा।

ये बात करीब-करीब साफ है और सेलेक्टर्स को भी इस बात के संकेत मिल गए हैं कि आगे क्या होने वाला है। हालांकि, इस वक्त बड़ा सवाल रोहित का संन्यास नहीं, बल्कि ये है कि क्या वो मौजूदा फॉर्म के दम पर प्लेइंग-11 में भी बरकरार रखने लायक हैं? रोहित से रन नहीं बन रहे हैं। घर पर इंग्लैंड के खिलाफ एक अच्छी सीरीज के बाद भी, 2024 में टेस्ट औसत 20 के मध्य में रहा और उन्होंने जो 14 टेस्ट मैच खेले हैं, उनमें उन्होंने केवल दो शतक और 2 अर्धशतक बनाए हैं।

14 टेस्ट में 619 रन किसी भी बल्लेबाज को मौजूदा टीम इंडिया के सेटअप से बाहर होने के लिए काफी है लेकिन रोहित, कप्तानी और प्रतिष्ठा के कारण, जितना उन्हें चाहिए था, उससे अधिक समय तक टिके रहने में सफल रहे। रनों की कमी के अलावा, मेलबर्न में बेअसर कप्तानी - खुद पारी की शुरुआत करना, केएल राहुल को तीन नंबर पर भेजना और शुभमन गिल को बेंच पर बैठाने के फैसले ने फायदे से ज्यादा नुकसान ही पहुंचाया है और यह सुपरस्टार्स की अगली पीढ़ी के लिए बदलाव और अवसरों में देरी ही कर रहा। 

अगर आप सिडनी में रोहित को खिलाते हैं, तो वही बैटिंग ऑर्डर जारी रहने की संभावना है और इसका मतलब यह होगा कि शुभमन गिल सिर्फ़ तीन पारियाँ खेलकर घर लौट जाएँगे - जिनमें से दो में उन्होंने शानदार शुरुआत की थी। और केएल राहुल कुछ ऐसा करते रहते हैं जो उन्होंने अपने करियर में अक्सर नहीं किया है - नंबर 3 पर बल्लेबाज़ी करना।

अब सवाल यही है कि क्या रोहित भी धोनी के नक्शेकदम पर चलेंगे और जैसे उन्होंने 2014 में बीच ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट से संन्यास का ऐलान कर कप्तानी किसी और के हवाले कर दी थी, वैसा कुछ करेंगे। 

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