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विराट कोहली और रोहित शर्मा चेन्नई टेस्ट में रन नहीं बना पाए थे। उन्हें लेकर पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने बीसीसीआई की आलोचना की है।

Team India: टीम इंडिया ने बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट में शानदार प्रदर्शन किया। 280 रनों की बड़ी जीत से फैंस गदगद है। खिलाड़ियों में रविचंद्रन अश्विन, जसप्रीत बुमराह, ऋषभ पंत शुभमन गिल और रवींद्र जाडेजा का प्रदर्शन काबिल-ए-तारीफ रहा है। वहीं, टीम इंडिया के टॉप 2 खिलाड़ियों की बात की जाए तो इनमें रोहित शर्मा और विराट कोहली का कोई नहीं भूल सकता है। ये दोनों खिलाड़ी पहले टेस्ट में फेल रहे थे। टेस्ट की दोनों पारियों में इनका बल्ला रनों को तरसता रहा।  

क्रिकेट एक्सपर्ट का मानना है कि इन्हें बीसीसीआई स्पेशल ट्रीटमेंट दे रही है। इन्हें दलीप ट्रॉफी में नहीं खेलने की छूट दी गई थी, ब्लकि इन्हें टूर्नामेंट में भाग लेना चाहिए था। भारत के पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने इन परिस्थितियों को लेकर अपना आंकलन शेयर किया है, जिसमें बीसीसीआई (BCCI) द्वारा खिलाड़ियों के साथ अलग अलग तरह का व्यव्हार करने की आलोचना की गई है।

संजय मांजरेकर ने ईएसपीएन क्रिकइन्फो से कहा कि मैं चिंतित नहीं हूं, लेकिन मुझे यकीन है कि किसी ने इस तथ्य पर ध्यान दिया होगा कि अगर रोहित और विराट ने रेड-बॉल क्रिकेट खेला होता तो वे पहले टेस्ट के दौरान बेहतर प्रदर्शन करते। उन्हें दलीप ट्रॉफी में चुनने का विकल्प था। इसलिए एक है कुछ खिलाड़ियों के साथ अलग व्यवहार करने के बारे में सावधान रहना और वह करना जो भारतीय क्रिकेट और खिलाड़ी के लिए सबसे अच्छा हो। विराट और रोहित का दलीप ट्रॉफी में नहीं खेलना भारतीय क्रिकेट के लिए अच्छा नहीं था, न ही यह उन दोनों खिलाड़ियों के लिए अच्छा था ट्रॉफी और लाल गेंद वाले क्रिकेट में कुछ समय होता तो चीजें अलग होतीं। 

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हालांकि मांजरेकर को कोहली और रोहित की वापसी करने की क्षमता पर कोई संदेह नहीं है, लेकिन उन्हें लगता है कि भारतीय टीम में कुछ सितारों को मिलने वाला 'विशेष व्यवहार' एक ऐसी समस्या है, जो लंबे समय से चली आ रही है, लेकिन उनके पास सीरीज में बाद में वापसी करने के लिए क्लास और अनुभव है। मुझे नहीं लगता कि इस कारण से वे फॉर्म में नहीं हैं, लेकिन कुछ ऐसा है जिस पर किसी को चुपचाप ध्यान देना चाहिए और वह है भारतीय क्रिकेट के साथ लंबे समय से समस्या यह है कि कुछ खिलाड़ियों को उनकी स्थिति के कारण विशेष उपचार के लिए चुना जाता है, जो अंततः उस खिलाड़ी को किसी अन्य की तुलना में अधिक नुकसान पहुंचाता है। 

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