नई दिल्ली। पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह एक दिन पहले ही रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बने हैं, लेकिन उनका विरोध शुरू हो गया है। उनके अध्यक्ष बनने के कुछ समय बाद ही ओलंपियन साक्षी मलिक ने संन्यास का ऐलान कर दिया था। अब एक और ओलंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया ने भी संजय सिंह के विरोध में बड़ा कदम उठाया है। रेसलर बजरंग ने दिल्ली में पीएम मोदी के आवास के बाहर फुटपाथ पर पद्मश्री अवार्ड रख दिया।
टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले बजरंग पूनिया ने सोशल मीडिया पोस्ट कर पुरस्कार लौटाने की घोषणा की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पत्र लिखा। बजरंग ने अपने पत्र के कैप्शन में लिखा, "मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री को लौटा रहा हूं। यह घोषणा करने के सिर्फ मेरा पत्र है। यह मेरा बयान है।"
मैंने देश के लिए जितने भी पुरस्कार जीते हैं आप सब के आशीर्वाद से जीते हैं , मैं आप सभी देशवाशियों की हमेशा आभारी रहुंगी। 🇮🇳
— Sakshee Malikkh (@SakshiMalik) December 21, 2023
कुश्ती को अलविदा ।🙏 pic.twitter.com/yyO4lG59rL
बजरंग ने पद्मश्री लौटाने की घोषणा की
बजरंग ने अपने पोस्ट में आगे लिखा, "प्रिय पीएम जी, आशा है कि आपका स्वास्थ्य ठीक होगा। आप कई कामों में व्यस्त होंगे लेकिन मैं देश के पहलवानों की ओर आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए यह लिख रहा हूं। आप जानते होंगे कि देश की महिला पहलवानों ने जनवरी में विरोध प्रदर्शन शुरू किया था इस साल बृज भूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया। मैं भी उनके विरोध में शामिल था। सरकार ने हमें कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया था, जिसने बाद हमने अपना धरना बंद कर दिया था। लेकिन 3 महीने बाद भी बृजभूषण के खिलाफ कोई एफआईआर नहीं हुई।
मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूँ. कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है. यही मेरी स्टेटमेंट है। 🙏🏽 pic.twitter.com/PYfA9KhUg9
— Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) December 22, 2023
2019 में बजरंग को पद्मश्री मिला था
उन्होंने आगे कहा कि हम अप्रैल में फिर से सड़कों पर उतरे ताकि पुलिस कम से कम उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करे। जनवरी में 19 शिकायतकर्ता थे लेकिन अप्रैल तक यह संख्या घटकर 7 रह गई। इसका मतलब है कि बृज भूषण शरण सिंह ने 12 महिला पहलवानों पर अपना प्रभाव डाला। बजरंग पूनिया को 2019 में पद्मश्री मिला था। उसी साल बजरंग को खेल रत्न पुरस्कार भी मिला था।