Akash Deep: इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में डेब्यू करने वाले भारतीय तेज गेंदबाज आकाश दीप ने पहले ही सेशन में अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया। रांची के मैदान पर उन्होंने इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर का शिकार किया। आकाश दीप ने टीम को जसप्रीत बुमराह की कमी नहीं खलने दी। उनकी गेंदबाजी देखकर यह अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता था वह अपना डेब्यू टेस्ट खेल रहे हैं। आकाश दीप के लिए टेस्ट डेब्यू तक का सफर जरा भी आसान नहीं था। इसके लिए उन्होंने बहुत पापड़ बेले हैं। 6 महीने के भीतर आकाश दीप ने अपने पिता और भाई को खो दिया था। कोरोना के दौरान उनकी चाची और भाभी का निधन हो गया। इस दौरान मां की हालत भी गंभीर थी। इस सभी का आकाश दीप पर गहरा सदमा पड़ा। उन्होंने 3 साल के लिए क्रिकेट ही छोड़ दी थी, लेकिन इसके बाद जब आकाश दीप ने वापसी की तो पीछे मुड़कर नहीं देखा।
बिहार के सासाराम जिले के निवासी आकाश दीप को बचपन से ही क्रिकेट का शौक था। हालांकि, उनके पिता चाहते थे कि बेटा सरकारी नौकरी करे। वह अक्सर आकाश दीप को डिमोटिवेट करते थे। नौकरी की तलाश में आकाश दीप दुर्गापुर चले गए, जहां उन्हें चाचा का भरपूर साथ मिला। दुर्गापुर में उन्होंने एक एकेडमी में क्रिकेट खेलना शुरू किया। इसी दौरान दिल का दौरा पड़ने से आकाश दीप के पिता की मौत हो गई। कुछ महीनों बाद ही आकाश दीप ने अपने बड़े भाई को भी खो दिया। पिता और भाई को खोने के बाद आकाश दीप बुरी तरह टूट गए थे। उन्होंने क्रिकेट खेलना तक छोड़ दिया था। आर्थिक तंगी के चलते वह 3 साल तक क्रिकेट से दूर रहे।
3 साल बाद आकाश ने फिर से क्रिकेट में करियर बनाने की ठानी। 2016 में आकाश दीप दिल्ली चले गए, जहां उनकी बड़ी बहन रहती थीं। वह कुछ महीनों तक वहां रहे, फिर एक दोस्त ने उन्हें कोलकाता आकर क्लब क्रिकेट खेलने के लिए कहा। कोलकाता में उन्होंने एक कमरा किराए पर लिया और चचरे भाई के साथ रहने लगे। शुरुआत में उन्हें बंगाल की अंडर-23 टीम में मौका मिला। इसके बाद आकाश दीप ने रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया। दिसंबर 2019 में उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में डेब्यू किया। 2022 में हुए मेगा ऑक्शन में उन्हें रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने 20 लाख रुपये में खरीदा।
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