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Arshad Nadeem: पाकिस्तान को पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल जिताने वाले अरशद नदीम का लाहौर में हीरो की तरह स्वागत किया गया। 

Arshad Nadeem Welcome in Pakistan: पेरिस ओलंपिक में पाकिस्तान का नाम रोशन करने वाले एथलीट अरशद नदीम का अपने देश लौटने पर भव्य स्वागत किया गया। वह रविवार तड़के लाहौर एयरपोर्ट पहुंचे। जैवलिन थ्रो में अरशद नदीम गोल्ड मेडल के प्रबल दावेदार नहीं थे। किसी को यह उम्मीद नहीं थी कि वह ऐसा कर पाएंगे, लेकिन उन्होंने पाकिस्तान का 32 साल का इंतजार खत्म कर दिया। 

लिहाजा अब वह पाकिस्तान के हीरो बन गए हैं। सभी की नजरें भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा पर थीं। वह टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडलिस्ट थे। अरशद नदीम ने फाइनल मुकाबले में 92.97 मीटर का थ्रो फेंककर तय कर दिया कि वह इस बार पाकिस्तान को कुछ बेहतर देने जा रहे हैं। नदीम ने रिकॉर्ड तोड़ दूरी पर भाला फेंका। उनसे पहले बीजिंग ओलंपिक 2008 में नार्वे के एंड्रियास थोरकिल्डसन ने 90.57 मीटर का थ्रो फेंका था। 

वाटर कैनन से सैल्यूट, खुली बस में अरशद नदीम 
रविवार को तड़के अरशद नदीम लाहौर एयर पोर्ट पर पहुंचे। जहां वॉटर कैनन से उन्हें सैल्यूट किया गया। एयरपोर्ट पर हजारों समर्थकों ने जोरदार नारे लगाकर उनका स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने अपने पिता सहित अपने परिवार से मुलाकात की, जिन्होंने उनके गले में माला डालकर हजारों लोगों के सामने नारे लगाए। अरशद नदीम जिंदाबाद! पाकिस्तान जिंदाबाद!। इसके बाद नदीम राजधानी लाहौर में विजय परेड के लिए एक खुली बस में चढ़ गए। रिपोर्ट्स के अनुसार, लगभग 150 अधिकारियों और कर्मियों ने उनके आगमन पर और परेड के दौरान उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की। पूरे रास्ते में उनके काफिला में खास लोग साथ रहे। 

मिलेगा पुरस्कार हिलाल-ए-इम्तियाज
आर्थिक संकट और बढ़ते उग्रवाद से जूझ रहे पाकिस्तान को नदीम की जीत और भी प्रभावशाली लगती है, क्योंकि उन्होंने पंजाब के एक छोटे से गांव से पेरिस ओलंपिक में गोल्ड जीतने का कारनामा किया है। वह अपना भाले से गेंहू के खेतों में अभ्यास करते थे। इससे पहले विभिन्न प्रांतीय सरकारों और संगठनों ने उनकी ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद नकद पुरस्कार की घोषणा की थी। वहीं, राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने घोषणा की है कि नदीम को उनकी उपलब्धि के लिए पाकिस्तान के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार हिलाल-ए-इम्तियाज से सम्मानित किया जाएगा।

अरशद नदीम ने हाजारों की भीड़ में कहा- मैं सर्वशक्तिमान ईश्वर का आभारी हूं। मैं अपने माता-पिता और पाकिस्तान की जनता का धन्यवाद करता हूं। मेरी इस उपलब्धि के पीछे कोच सलमान बट ने बहुत मेहनत की है।   

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