नई दिल्ली। भारतीय खिलाड़ियों का आईपीएल के लिए रेड बॉल क्रिकेट को नजरअंदाज करने के नए ट्रेंड को देखते हुए बीसीसीआई बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। बीसीसीआई अब टेस्ट की मैच फीस बढ़ाने पर विचार कर रहा है। इससे खिलाड़ियों के लिए टेस्ट क्रिकेट को नजरअंदाज करना मुश्किल होगा। यह पता चला है कि बोर्ड ने टीम इंडिया से बाहर चल रहे विकेटकीपर बैटर ईशान किशन के घरेलू क्रिकेट को नजरअंदाज करने पर ये सैलरी स्ट्रक्चर को बदलने पर विचार शुरू किया है।
बता दें कि बीसीसीआई के निर्देश के बावजूद ईशान किशन रणजी ट्रॉफी नहीं खेले और इसके बजाए मार्च में शुरू होने वाले आईपीएल 2024 की तैयारियों में जुट गए। बोर्ड की प्लानिंग के मुताबिक, जो खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट को तरजीह देगा उसे सालाना रिटेनर कॉन्ट्रैक्ट के अलावा अतिरिक्त फायदा भी मिलेगा। इसके पीछे बीसीसीआई की यही सोच है कि खिलाड़ी अधिक से अधिक रेड बॉल क्रिकेट खेलें। इससे टेस्ट क्रिकेट खेलने वालों को ज्यादा फायदा होगा।
बीसीसीआई टेस्ट मैच फीस बढ़ाएगी
अगर बीसीसीआई के नए सैलरी स्ट्रक्चर को मंजूरी मिल जाती है तो इसे आईपीएल 2024 के बाद लागू किया जाएगा। बीसीसीआई उस अतिरिक्त बोनस पर काम कर रहा है जो एक खिलाड़ी को एक सीज़न में सभी टेस्ट सीरीज़ खेलने पर मिलेगा। वर्तमान में, बीसीसीआई हर टेस्ट के लिए खिलाड़ी को मैच फीस के रूप में 15 लाख रुपये देता है। वहीं, एक वनडे खेलने पर 6 लाख और टी20 के लिए 3 लाख रुपये का भुगतान करता है।
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रोहित ने भी टेस्ट क्रिकेट पर जोर दिया
इससे पहले, भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने भी इंग्लैंड को रांची टेस्ट में हराने के बाद कहा था कि टेस्ट क्रिकेट सबसे मुश्किल फॉर्मेट है और इसमें उन्हीं खिलाड़ियों को मौका दिया जाएगा, जिनमें जीतने और सफल होने की भूख नजर आएगी। जिन खिलाड़ियों में ऐसा नजर नहीं आएगा, उन्हें खिलाने का कोई फायदा नहीं। रोहित के इस बयान को बीसीसीआई और ईशान किशन के बीच चल रहे विवाद से भी जोड़कर देखा जा रहा है।