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Hardik Pandya: बीसीसीआई और हेड कोच के ताजा बयानों के आधार पर भारतीय ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या के लिए रेड बॉल क्रिकेट खेलना मजबूरी बन सकता है।

Hardik Pandya: टी20 विश्वकप में अच्छा प्रदर्शन कर सुर्खियों में आए हार्दिक पांड्या टेस्ट क्रिकेट खेलने को लेकर चर्चा में है। वह पिछले काफी सालों से टीम इंडिया की टेस्ट टीम से बाहर चल रहे हैं। इसकी वजह उनका लगातार चोटिल होना है। 

हाल ही टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर बने हैं। कोचिंग की जिम्मेदारी संभालते हुए उन्होंने अपने खिलाड़ियों से साफ कह दिया कि जो खिलाड़ी फिट और फॉर्म में है, उसे तीनों फॉर्मेट खेलना चाहिए। वहीं, दूसरी तरफ बीसीसीआई ने भी टीम इंडिया के खिलाड़ियों को साफतौर  कहा है कि वे घरेलू फर्स्ट क्लास क्रिकेट भी खेलें। इनमें रोहित शर्मा, विराट कोहली और जसप्रीत को भारतीय बोर्ड ने इस आदेश में रियायत दी है। 

पांड्या का आखिरी टेस्ट 
हार्दिक पांड्या ने अपना आखिरी टेस्ट मैच सितंबर 2018 में खेला था। इसके बाद वह लगातार चोटिल होते रहे और पिछले 5 सालों से वह टेस्ट क्रिकेट से दूर हैं।

दिलीप ट्रॉफी और बांग्लादेश सीरीज 
दिलीप ट्रॉफी 5 सितंबर से शुरू होगी। भारतीय खिलाड़ियों के लिए यह पहला असाइनमेंट होगा। इसके बाद 19 सितंबर से बांग्लादेश के खिलाफ 2 मैचों की टेस्ट सीरीज़ शुरू होगी। इन दो क्रिकेट इवेंट में खेलकर खिलाड़ी अपनी तैयारी को पुख्ता कर लेंगे। क्योंकि इसके बाद 22 नवंबर से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी शुरू हो जाएगी। 

टेस्ट खेलना मजबूरी 
बीसीसीआई का नया निर्देश यह सुनिश्चित करेगा कि केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ी सभी प्रारूपों में घरेलू क्रिकेट खेलना जारी रखें, खासकर यदि वे टीम इंडिया का हिस्सा नहीं हैं। हार्दिक पांड्या, जो सिर्फ सीमित ओवरों का क्रिकेट खेलते हैं, उन्हें भी भाग लेने के लिए मजबूर किया जा सकता है। हालांकि इससे पहले तक पांड्या चोटों की वजह से टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल रहे थे, लेकिन अब उनके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है।

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