Who is harvinder singh: हरविंदर सिंह के शांत स्वभाव और सटीकता ने सपनों को पेरिस पैरालंपिक में हकीकत में बदल दिया। हरविंदर ने बुधवार को पेरिस पैरालंपिक के आर्चरी के रिकर्व इवेंट में गोल्ड मेडल जीत इतिहास रचा। वो पैरालंपिक के तीरंदाजी इवेंट में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय बने।
अर्थशास्त्र में पीएचडी कर रहे 33 साल के हरविंदर सिंह , जो कांस्य पदक हासिल करने से पहले टोक्यो सेमीफाइनल में यूएसए के केविन माथेर से हार गए थे, ने न तो थकान दिखाई और न ही घबराहट दिखाई और एक दिन में लगातार पांच जीत हासिल की और अपना लगातार दूसरा पैरालंपिक पदक जीता। फाइनल के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए, हरविंदर ने अपने आखिरी चार शॉट में तीन 10 लगाए और पोलैंड के अपने 44 साल के प्रतिद्वंदी लुकाज़ सिसजेक को 6-0 (28-24, 28-27, 29-25) से हराकर मौजूदा पैरालिंपिक में तीरंदाजी में भारत के लिए दूसरा पदक जीता।
His arrow has hit GOLD!
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) September 4, 2024
Harvinder Singh has unleashed the true power of precision with his golden triumph in the Para Archery Men’s Individual Recurve Open at #Paralympics2024!
With every shot, he’s demonstrated that extraordinary skill & relentless determination can conquer… pic.twitter.com/B6jHYMpDK3
राकेश कुमार और शीतल देवी ने सोमवार को मिश्रित कंपाउंड ओपन वर्ग में कांस्य पदक जीता था। तीरंदाजी में पहले भारतीय पैरालंपिक पदक विजेता हरविंदर ने क्वार्टर फाइनल में दुनिया के 9वें नंबर के कोलंबिया के हेक्टर जूलियो रामिरेज़ को 6-2 से हराया, इससे पहले उन्होंने राउंड ऑफ 32 में चीनी ताइपे के त्सेंग लुंग-हुई को 7-3 से हराया था। प्री-क्वार्टर में, उन्होंने शुरुआती सेट में पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए इंडोनेशिया के सेतियावान को 6-2 से मात दी थी।
हरविंदर सिंह पैरालंपिक फाइनल में प्रवेश करने वाले पहले भारतीय तीरंदाज बने, जब उन्होंने ईरान के मोहम्मद रेजा अरब अमेरी को1-3 से पिछड़ने के बाद 7-3 से हराया। फाइनल में, हरविंदर ने सटीकता का अलग स्तर दिखाया, उन्होंने केवल दो अंक गंवाए और चार अंकों की बढ़त के साथ पहला सेट अपने नाम किया। हालांकि दूसरे सेट में सिसजेक ने वापसी की और तीन 9 अंक हासिल किए, लेकिन हरविंदर के अच्छी वापसी की और ये सेट भी जीता।
Tears up just a bit, nice big gulp at the end - emotions for Harvinder Singh as the national anthem plays for the first time in Paralympic archery
— Lavanya 🎙️🎥👩🏻💻 (@lav_narayanan) September 4, 2024
Crowd shouts Bharat Mata ki....
Harvinder finishes the chant - "....jaaai"
What a moment for Harvinder. What a moment for India!… pic.twitter.com/H7FSVbZ1m7
हरविंदर सिंह ने 10 अंकों की हैट्रिक लगाई, जिसमें एक परफेक्ट इनर 10 (एक्स) भी शामिल था, जिससे उनके प्रतिद्वंद्वी पर दबाव बढ़ गया। सिसजेक ने 7 और फिर 9 का स्कोर किया, जबकि हरविंदर ने अपने अंतिम शॉट पर निर्णायक 9 के साथ स्वर्ण पदक जीता। स्टैंड में शीतल देवी को उत्साहपूर्वक जश्न मनाते देखा गया, जब हरविंदर ने झुककर अपने कोच को गले लगाया और गर्व से तिरंगा लहराया।
कौन हैं हरविंदर सिंह?
हरविंदर सिंह वर्तमान में अर्थशास्त्र में अपनी पीएचडी कर रहे। डेढ़ साल की उम्र में उन्हें डेंगू हो गया था। इसी दौरान उन्हें जीवन रक्षक इंजेक्शन लगाया था, इसके साइड इफेक्ट की वजह से उनके पैरों ने ठीक तरह से काम करना बंद कर दिया। 2012 के पैरालिंपिक तक उन्हें एहसास नहीं हुआ कि खेल एक करियर विकल्प हो सकता है। इसके बाद वो आर्चरी में आए और 2017 में उन्होंने विश्व चैंपियनशिप में डेब्यू किया और सातवें स्थान पर रहे। अब 33 साल की उम्र में वो डबल पैरालंपिक मेडलिस्ट हो गए और इसके साथ ही भारतीय खेलों के इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा लिया।