नई दिल्ली। बीसीसीआई ने एक दिन पहले ईशान किशन और श्रेयस अय्यर को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट से बाहर कर दिया था। दरअसल, दोनों खिलाड़ियों ने बीसीसीआई के रणजी ट्रॉफी खेलने के आदेश को नहीं माना था। इसके बाद बीसीसीआई ने दोनों के खिलाड़ी कड़ी कार्रवाई की। अपने प्रेस रिलीज में बीसीसीआई ने सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट का ऐलान करते हुए कहा कि खिलाड़ियों को फिर से सलाह दी कि जब वह नेशनल टीम की तरफ से खेल नहीं खेल रहे हों तो घरेलू क्रिकेट को तरजीह दें।
घरेलू क्रिकेट न खेलने की जो सजा ईशान किशन और श्रेयस अय्यर को बीसीसीआई ने दी है, इस पर भारत के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने रिएक्ट किया है। पठान ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट शेयर किया और बीसीसीआई के इस फैसले पर सवाल खड़े किए।
इरफान ने सवाल करते हुए लिखा है कि अगर ईशान और श्रेयस को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट नहीं दिया गया है तो क्या हार्दिक पंड्या अगर घरेलू क्रिकेट नहीं खेलेंगे तो बीसीसीआई उनके साथ भी ऐसा ही करेगी।
They are talented cricketers, both Shreyas and Ishan. Hoping they bounce back and come back stronger. If players like Hardik don’t want to play red ball cricket, should he and others like him participate in white-ball domestic cricket when they aren’t on national duty? If this…
— Irfan Pathan (@IrfanPathan) February 29, 2024
पठान ने बीसीसीआई पर उठाए सवाल
इरफान पठान ने आगे लिखा, "श्रेयस और ईशान दोनों ही प्रतिभाशाली क्रिकेटर हैं। उम्मीद है कि दोनों मजबूती से वापसी करेंगे। अगर हार्दिक जैसे खिलाड़ी रेड बॉल क्रिकेट नहीं खेलना चाहते हैं, तो क्या उन्हें और उनके जैसे अन्य प्लेयर्स को नेशनल ड्यूटी पर नहीं होने पर घरेलू व्हाइट बॉल क्रिकेट में हिस्सा लेना चाहिए? अगर यह सभी पर लागू नहीं होता है, तो भारतीय क्रिकेट मनचाहे नतीजे हासिल नहीं कर पाएगा। इरफान पठान का यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल है और फैन्स इस पर कमेंट कर रहे हैं।
बीसीसीआई ने 30 खिलाड़ियों को कॉन्ट्रैक्ट दिया
बता दें कि बीसीसीआई ने इस साल कुल 30 खिलाड़ियों को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट दिया है। इस बार बीसीसीआई ने अलग से एक कैटेगरी भी बनाई है, जिसमें सिर्फ उभरते हुए तेज गेंदबाजों को रखा है। इस लिस्ट में पांच तेज गेंदबाज शामिल हैं। ग्रेड-ए प्लस में शामिल खिलाड़ियों को 7 करोड़, ए-ग्रेड में शामिल खिलाड़ियों को 5 करोड़, ग्रेड-बी में 3 करोड़ तो वहीं ग्रेड-सी में शामिल खिलाड़ियों को 1 करोड़ के दायरे में रखा जाता है।