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Ishan Kishan vs BCCI: टीम इंडिया से बाहर चल रहे विकेटकीपर बैटर ईशान किशन पर बीसीसीआई की चेतावनी का भी कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा। ईशान शुक्रवार से शुरू हुए रणजी ट्रॉफी के आखिरी राउंड के मुकाबले में भी झारखंड की तरफ से खेलने नहीं उतरे।

नई दिल्ली। क्या ईशान किशन ने अब बीसीसीआई से आर-पार की लड़ाई का मूड बना लिया है। कम से कम उनकी हालिया कदम से तो ऐसा लगता ही है। बीसीसीआई सचिव जय शाह की खुली चेतावनी के बाद भी ईशान किशन रणजी ट्रॉफी में खेलने नहीं उतरे हैं। झारखंड की तरफ से घरेलू क्रिकेट खेलने वाले ईशान ने शुक्रवार से रणजी ट्रॉफी के अंतिम दौर के मुकाबले में हिस्सा नहीं लिया। एलीट ग्रुप-ए में झारखंड की टक्कर राजस्थान से जारी है। लेकिन, ईशान इस मैच में खेलने नहीं उतरे हैं। 

ईशान किशन का यह निर्णय ऐसे वक्त पर आया है कि जब न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में ये दावा किया गया था कि बीसीसीआई ने ईशान किशन को झारखंड की तरफ से रणजी ट्रॉफी मैच खेलने के निर्देश दिए थे। शुक्रवार से ही जमशेदपुर में झारखंड और राजस्थान के बीच रणजी ट्रॉफी का फाइनल राउंड का मुकाबला शुरू हुआ है। ऐसे में ईशान किशन की ये नाफरमानी शायद ही बीसीसीआई को पसंद आए। 

ईशान ने बीसीसीआई का फैसला नहीं माना
ईशान की फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने की अनिच्छा और आईपीएल पर फोकस करने के फैसले की वजह से बीसीसीआई आने वाले दिनों में खिलाड़ियों के लिए इस कैश-रिच लीग के नीलामी पूल में हिस्सा लेने के लिए न्यूनतम संख्या में रणजी ट्रॉफी मैच खेलना अनिवार्य कर सकती है। दीपक चाहर और श्रेयस अय्यर भी रणजी ट्रॉफी के फाइनल राउंड के मैच नहीं खेल रहे हैं। हालांकि, अय्यर को पीठ के निचले हिस्से और कमर में तकलीफ है। 

रणजी ट्रॉफी नहीं खेल रहे ईशान
इन तीन खिलाड़ियों -ईशान, चाहर और अय्यर, को विशेष रूप से प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अपनी-अपनी स्टेट टीमों की तरफ से खेलने के लिए कहा गया था। ईशान की अनुपस्थिति में कुमार कुशाग्र झारखंड के लिए विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। 

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जय शाह ने खिलाड़ियों को चेतावनी दी थी
बता दें कि बीसीसीआई सचिव जय शाह ने हाल ही में सौराष्ट्र क्रिकेट स्टेडियम के नाम में हुए बदलाव के कार्यक्रम में साफ कहा था कि बीसीसीआई से सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने वाले खिलाड़ियों को घरेलू रेड बॉल क्रिकेट खेलनी ही होगी। जय शाह ने कहा था कि बीसीसीआई किसी खिलाड़ी के नखरे को नहीं सहेगी। खिलाड़ियों को ये पहले ही बता दिया गया है कि अगर वो फिट हैं तो उन्हें रणजी ट्रॉफी खेलना ही होगा। इस संबंध में सेलेक्टर्स फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं। अगर वो चाहते हैं कि खिलाड़ी को रेड बॉल क्रिकेट खेलनी चाहिए तो ऐसा करना होगा। 

जय शाह ने आगे कहा था कि हम खिलाड़ियों की फ़िटनेस पर नेशनल क्रिकेट एकेडमी के मेडिकल स्टाफ़ की सलाह मानेंगे। यह सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में शामिल सभी खिलाड़ियों पर लागू होगा। 

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