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Manu Bhaker: मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में दूसरा पदक जीतकर इतिहास रच दिया। उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में सरबजोत सिंह के साथ मिलकर कांस्य पदक जीता। ये पेरिस ओलंपिक में मनु का दूसरा मेडल है।

नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक में भारतीय निशानेबाज मनु भाकर ने इतिहास रच दिया। उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल मिक्स्ड इवेंट में सरबजोत सिंह के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीतने का कारनामा किया। इसी के साथ पेरिस ओलंपिक में भारत के खाते में दो पदक हो गए हैं और ये दोनों ही मनु के पिस्टल से निकले हैं। इसके साथ ही मनु एक ही ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली भारत की पहली एथलीट बन गईं। 

मनु और सरबजोत की भारतीय जोड़ी ने ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में कोरियाई जोड़ी को 16-10 से मात दी। मनु भाकर ने दो दिन पहले ही पेरिस ओलंपिक में ही 10 मीटर एयर पिस्टल के सिंगल्स इवेंट में कांस्य पदक पर निशाना साधा था और 48 घंटे बाद ही उन्होंने भारत की झोली में एक और पदक डाल दिया और इतिहास के पन्नों में अपना दर्ज करवा दिया। 

बता दें कि कोरिया के खिलाफ ब्रॉन्ज मेडल का मुकाबला भारत के लिए आसान नहीं था। इसमें शुरुआत खराब हुई थी। पहली सीरीज भारतीय जोड़ी हार गई थी। इसके बाद दमदार वापसी की और फिर अगली चार सीरीज जीती। ये बढ़त निर्णायक साबित हुई और फिर मनु ने दूसरी से पांचवीं सीरीज में 10.7, 10.4,10-7 और 10.5 का स्कोर किया। 

इससे पहले मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने एक दिन पहले ही 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट के ब्रॉन्ज मेडल मैच के लिए अपना टिकट कटाया था। दोनों ने क्वालिफिकेशन राउंड में पूरे 20 परफेक्ट शॉट लगाए थे और उसके जरिए 580 पॉइंट हासिल किए थे। 

ये मनु का दूसरा ही ओलंपिक हैं। उन्होंने टोक्यो 2020 में अपना डेब्यू किया था। लेकिन, वहां से खाली हाथ लौटना पड़ा था। एक इवेंट में तो उनकी पिस्टल ही खराब हो गई थी। टोक्यो में मिली नाकामी से वो मायूस हो गईं थीं। उन्हें काफी आलाचानओं का सामना करना पड़ा था। लेकिन, मनु उस निराशा से उबरीं और पेरिस में अपनी कामयाबी का परचम बुलंद कर दिया। देश को उनपर सालों-साल नाज रहेगा। 

भारत में पिछले कई दशकों में शानदार एथलीट आए हैं। केडी जाधव, मेजर ध्यानचंद, कर्णम मल्लेश्वरी, अभिनव बिंद्रा (पहली बार व्यक्तिगत स्वर्ण पदक विजेता), साइना नेहवाल, सुशील कुमार, पीवी सिंधु, नीरज चोपड़ा ने भारत की शान बढ़ाई। नीरज ने तो टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। हालांकि, इनमें से कोई भी एक ही ओलंपिक में एक से अधिक पदक जीतने की उपलब्धि हासिल नहीं कर सका, एक मील का पत्थर मनु ने अपने दूसरे खेलों में हासिल किया है, वह भी 22 साल की उम्र में।

मनु का सफर अभी पेरिस में खत्म नहीं हुआ है। उनके पास ऐसी उपलब्धि हासिल करने का मौका है, जिसे पूरा करना बेहद मुश्किल है। मनु के पास इस ओलंपिक में तीसरा पदक जीतने का मौका है। वो 25 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में निशाना लगाकर पदकों की हैट्रिक पूरी कर सकती हैं। 

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