नई दिल्ली। 3 साल पहले टोक्यो ओलंपिक में 7 मेडल जीतकर भारत ने इन खेलों का इतिहास का सबसे शानदार प्रदर्शन किया था। पेरिस में 117 सदस्यीय भारतीय दल ओलंपिक में हिस्सा लेने पहुंचा था और ऐसी उम्मीद थी कि भारत इस बार पदकों के आंकड़े को डबल डिजिट में ले जाएगा। भारत इसके करीब पहुंचा। लेकिन, पदकों की संख्या दोहरे अंक के आंकड़े को पार नहीं कर पाई। भारत ने पेरिस ओलंपिक में 6 मेडल जीते। इसमें एक रजत और 5 कांस्य पदक हैं और विनेश फोगाट की संयुक्त सिल्वर मेडल की अपील पर अभी फैसला आना है।
पेरिस ओलंपिक में भारत के निशानेबाजों ने टारगेट पर निशाना साधा तो जिन खेलों से पदक की सबसे ज्यादा उम्मीद थी, उनमें हाथ खाली रहे। बैडमिंटन, बॉक्सिंग और वेट लिफ्टिंग में भारत को मेडल की बड़ी उम्मीद थी। लेकिन, पेरिस ओलंपिक में इन खेलों में हमारा खाता तक नहीं खुला।
पेरिस ओलंपिक भारत के सबसे सफल अभियान में कहां खड़ा है, यहां ये जानना जरूरी हो जाता है।
पेरिस ओलंपिक में भारत के पदक विजेता कौन थे?
मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में भारत के पदकों का खाता खोला था। उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इसके साथ ही वो ओलंपिक मेडल जीतने वालीं देश की पहली महिला निशानेबाज बनीं थीं। कुछ दिनों बाद, उन्होंने मिक्स्ड टीम 10 मीटर एयर पिस्टल कांस्य में सरबजोत सिंह के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीता और एक ही ओलंपिक दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बन इतिहास रचा। स्वप्निल कुसाले ने शूटिंग में भारत को तीसरा पदक दिलाया। उन्होंने मेंस 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन में कांस्य पदक जीता था।
#ParisOlympics2024 के ये चमकते सितारे हम सभी भारतीयों का अभिमान हैं 🇮🇳🇮🇳🇮🇳 pic.twitter.com/NFQuWKkwaN
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) August 10, 2024
भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो 2020 के प्रदर्शन को दोहराते हुए पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीता। भारत ने स्पेन को 2-1 से हराकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। यह 52 वर्षों में पहली बार था, जब भारत ने मेंस हॉकी में लगातार दो पदक जीते।
Thanks to Aman Sehrawat's historic #Bronze🥉win, we have a total of 6⃣ medals at the #ParisOlympics2024!!
— SAI Media (@Media_SAI) August 11, 2024
Congratulations to our brave contingent who gave their all at the French capital. Let's hear it out for all the participants and #Cheer4Bharat🇮🇳🥳 pic.twitter.com/LQhkqx1jVk
नीरज ने लगातार दो ओलंपिक में मेडल जीते
नीरज चोपड़ा ओलंपिक में लगातार पदक जीतने वाले भारत के पहले ट्रैक-एंड-फील्ड एथलीट बने। उन्होंने टोक्यो में अपने ऐतिहासिक स्वर्ण के बाद पेरिस में भाला फेंक स्पर्धा में रजत पदक जीता। वह खेलों में कम से कम दो पदक जीतने वाले पांचवें भारतीय एथलीट और लगातार दो संस्करणों में पदक जीतने वाले तीसरे एथलीट बने।
भारत का पेरिस ओलंपिक का अभियान अंततः अमन सेहरावत के साथ खत्म हुआ, जिन्होंने पुरुषों की 57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती में कांस्य पदक जीता और देश के सबसे युवा ओलंपिक पदक विजेता बने।
It is a remarkable Bronze for Aman Sehrawat in Wrestling Men's Freestyle 57 kg at #ParisOlympics2024!
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) August 9, 2024
He has created history by being the youngest Indian Olympic medalist!
Your outstanding performance has made the nation proud Aman. Congrats on this achievement!#Cheer4Bharat pic.twitter.com/WQfHCwr99E
पेरिस ओलंपिक में 6 भारतीय एथलीट चौथे स्थान पर रहे
अगर किस्मत का थोड़ा साथ मिलता तो भारत पेरिस ओलंपिक में 6 और पदक जीत सकता था और मेडल की संख्या 12 हो सकती थी। लेकिन, दुर्भाग्य से हमारे 6 एथलीट पदक से चूक गए।
पेरिस ओलंपिक में निशानेबाजों की शानदार शुरुआत के बीच, अर्जुन बाबूता सूची में चौथा पदक जोड़ने के करीब पहुंचे। लेकिन मेंस 10 मीटर एयर राइफल फाइनल में चौथे स्थान पर रहे, जबकि माहेश्वरी चौहान और अनंत जीत सिंह नारुका स्कीट मिक्स्ड टीम इवेंट में चीन के खिलाफ महज एक अंक से हार गए। अंकिता भकत और धीरज बोम्मादेवरा की जोड़ी तीरंदाजी में अमेरिका के ब्रैडी एलिसन और केसी खाफहोल्ड के खिलाफ कांस्य पदक के प्लेऑफ मुकाबले में हार गई।
मनु भाकर 3 ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनने की कगार पर खड़ी थीं, जब वह महिलाओं की 25 मीटर रैपिड एयर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल में पहुंचीं। लेकिन 22 वर्षीय भाकर कांस्य पदक से चूक गईं, जब वह हंगरी की वेरोनिका मेजर से तीसरे स्थान के लिए शूट-ऑफ में हार गईं।
लक्ष्य सेन ब्रॉन्ज मेडल जीतने से चूके
भारत बैडमिंटन के मेंस सिंगल्स में भी पहली बार मेडल जीतने के करीब पहुंच गया था। लेकिन, लक्ष्य सेन ने अपने अभियान के दौरान एक बार नहीं, बल्कि दो बार पदक जीतने का मौका गंवाया। विक्टर एक्सेलसेन के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में, भारतीय खिलाड़ी ने शुरुआती गेम हारने के बाद 7 अंकों की बढ़त हासिल कर ली थी, लेकिन स्वर्ण पदक विजेता ने शानदार वापसी करते हुए फाइनल में जगह बनाई।
एक दिन बाद, कांस्य पदक के लिए हुए मुकाबले में, लक्ष्य सेन ने मलेशिया के जिया ज़ी ली के खिलाफ शुरुआती गेम जीता, लेकिन अगले दो गेम हार गए और 71 मिनट तक चले मुकाबले में 13-21 21-16 21-11 से हार गए, इस तरह से चौथे स्थान पर रहे।
वहीं, वेटलिफ्टिंग में भी भारत के हाथ निराशा आई। टोक्यो 2020 की पदकवीर मीराबाई चानू महिलाओं के 49 किलो भार वर्ग में महज 1 किलो वजन कम उठाने की वजह से चौथे स्थान पर रहीं और ब्रॉन्ज मेडल से चूक गईं।
To @16Sreejesh as he concludes his illustrious Hockey career with a monumental Bronze medal at the #Paris2024
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) August 9, 2024
Sreejesh, you’ve been the impenetrable wall between the attack and the goalpost, backbone of our defence & an inspiration to countless fans & aspiring players. pic.twitter.com/x5rjocsVdr
बॉक्सिंग में भी भारत के हाथ रहे खाली
मुक्केबाजी में, भारतीय दल, जिसमें टोक्यो 2020 ओलंपिक कांस्य पदक विजेता लवलीना, दो बार की विश्व चैंपियन निखत ज़रीन और मौजूदा राष्ट्रमंडल चैंपियन अमित पंघाल शामिल थे, पेरिस से एक भी पदक जीतने में नाकाम रहे।
भारत को विनेश फोगाट की अपील का इंतजार
विनेश फोगाट बीते मंगलवार को ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बनीं थीं। फाइनल में पहुंचने के दौरान उन्होंने वर्ल्ड नंबर-1 और टोक्यो गेम्स की गोल्ड मेडलिस्ट युई सुसाकी को हराया था। हालांकि, फाइनल की सुबह जब उनका वेट किया गया तो वो तय लिमिट से 100 ग्राम ज्यादा था। इसके बाद उन्हें डिस्क्वालिफाई कर दिया गया। इसके बाद विनेश ने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन ऑफ स्पोर्ट्स में संयुक्त सिल्वर मेडल देने की अपील दाखिल की, इस पर अब फैसला 2 दिन बाद आएगा।
पेरिस ओलंपिक अभियान भारत के सर्वकालिक प्रदर्शनों में किस स्थान पर है?
भारत भले ही पेरिस में टोक्यो ओलंपिक की मेडल टैली से एक पदक पीछे गया। लेकिन, पेरिस में भारत का अभियान टोक्यो 2020 और लंदन 2012 के समर ओलंपिक में उसका तीसरा बेस्ट प्रदर्शन है।
1900 से 2024 तक ओलंपिक में भारत ने कब सबसे अधिक पदक जीते
टोक्यो 2020 : 7 पदक (1 स्वर्ण, 2 रजत, 3 कांस्य)
लंदन 2012 : 6 पदक (2 रजत, 4 कांस्य)
पेरिस 2024 : 6 पदक (1 रजत, 5 कांस्य)- (विनेश पर फैसला बाकी)
बीजिंग 2008 : 3 पदक (1 स्वर्ण, 2 कांस्य)
हेलसिंकी 1952 : 2 पदक (1 स्वर्ण, 1 कांस्य)
पेरिस 1900 : 2 पदक (2 रजत)
रियो 2016 : 2 पदक (1 रजत, 1 कांस्य)
एम्स्टर्डम 1928 : 1 पदक (1 स्वर्ण)
लॉस एंजिल्स 1932 : 1 पदक (1 स्वर्ण)
बर्लिन 1936 : 1 पदक (1 स्वर्ण)
लंदन 1948 : 1 पदक (1 स्वर्ण)
मेलबर्न 1956 : 1 पदक (1 स्वर्ण)
टोक्यो 1964 : 1 पदक (1 स्वर्ण)
मॉस्को 1980 : 1 पदक (1 स्वर्ण)
रोम 1960 : 1 पदक (1 रजत)
एथेंस 2004 : 1 पदक (1 रजत)
म्यूनिख 1972 : 1 पदक (1 कांस्य)
अटलांटा 1996 : 1 पदक (1 कांस्य)
सिडनी 2000 : 1 पदक (1 कांस्य)