पैरालंपिक्स 2024: पेरिस ओलंपिक के बाद अब पैरालंपिक्स खेलों की बारी है। 29 अगस्त से पैरालंपिक्स की शुरुआत हो रही है। पिछली बार साल 2020 में टोक्यो पैरालंपिक्स में भारत ने 5 गोल्ड सहित कुल 19 मेडल जीते थे। पेरिस ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा नहीं रहा। इसमें भारतीय दल को महज 6 मेडल से ही संतुष्ट होना पड़ा, इसमें एथलीट एक भी गोल्ड नहीं जीत पाए।
पैरालंपिक्स 2024 अगले 11 दिनों तक चलेंगे। इसमें दुनियाभर से 4,400 एथलीट हिस्सा लेंगे। खेलों की ओपनिंग सेरेमनी आज बुधवार को होनी है। भारत की तरफ से फ्लैगबियरर भाग्यश्री जाधव और जेवेलिन स्टार सुमित अंतिल होंगे। भाग्यश्री ने एशिया पैरागेम्स में देश को सिल्वर मेडल जिताया था।
कैसा होगा भारतीय दल
पैरालंपिक्स 2024 में भारत 84 एथलीटों के दल के साथ उतरेगा। यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा दल होगा। इससे पहले टोक्यो पैरालंपिक्स में 54 एथलीट ने प्रदर्शन किया था।
भारत को इन एथलीटों से ज्यादा उम्मीद
- जेवेलिन थ्रो में सुमित अंतिल से भारत को सबसे ज्यादा उम्मीद है। वह टोक्यो पैरालंपिक्स में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। इस बार भी वह अपने प्रदर्शन दोहरा सकते हैं।
- निशानेबाजी में अवनी लखेरा से भारत को मेडल की उम्मीद है। अवनी ने टोक्यो 2020 में 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग में गोल्ड और 50 मीटर राइफल 3 पोजिशंस में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
- बैडमिंटन में भारत की कृष्णा नागर ने टोक्यो पैरालंपिक्स में सिंग्ल्स इवेंट में गोल्ड मेडल जीता था। कृष्णा विश्व की दूसरे नंबर की एथलीट हैं और इस बार भी वह अपने पिछले प्रदर्शन को दोहरा सकती हैं। वहीं, बैडमिंटन में भारत को दूसरी उम्मीद सुहास यतिराज से है। सुहास ने पिछली बार सिंगल्स इवेंट में सिल्वर मेडल जीत चुके हैं। इस बार वह अपने प्रदर्शन को बेहतर करने की पूरी कोशिश करेंगे।
- टेबल टेनिस में भारत को भाविना पटेल से खासी उम्मीदें हैं। भाविना टोक्यो पैरालंपिक्स में सिल्वर मेडल अपने नाम कर चुकी हैं।