नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती संघ की नई कार्यसमिति को सस्पेंड करने के बाद अब सवाल ये है कि इसका संचालन कैसे होगा?। इसके लिए खेल मंत्रालय ने भारतीय ओलंपिक संघ से एक एडहॉक कमेटी बनाने का अनुरोध किया है। यही कमेटी कुश्ती संघ का कामकाज देखेगी।
खेल मंत्रालय ने आईओए अध्यक्ष को यह पक्का करने के लिए चिठ्ठी लिखी है कि अगले आदेश तक भारतीय कुश्ती संघ के मामलों को नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कोड-2011 में नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन की परिभाषित भूमिका के मुताबिक नियंत्रित किया जाए। इसमें एथलीट के सेलेक्शन, इंटरनेशनल इवेंट में खिलाड़िय़ों की भागीदारी, खेल आयोजन की मेजबानी से जुड़े मामले भी शामिल हैं।
एडहॉक कमेटी देखेगी WFI का कामकाज
खेल मंत्रालय ने अपनी चिठ्ठी में लिखा है, "चूंकि कुश्ती ओलंपिक स्पोर्ट है और भारतीय कुश्ती संघ ओलंपिक एसोसिएशन का सदस्य है और रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के पूर्व पदाधिकारियों के प्रभाव और नियंत्रण से पैदा हुई मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए, WFI के संचालक को लेकर गंभीर चिंता पैदा हुई है।"
संजय सिंह 3 दिन पहले अध्यक्ष बने थे
यह घटनाक्रम खेल मंत्रालय द्वारा भारतीय कुश्ती संघ की नई कार्यसमिति को सस्पेंड करने के कुछ घंटों बाद आया है। बीते गुरुवार को ही पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को WFI का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। संजय सिंह की नियुक्ति का पहलवान विनेश फोगट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया ने विरोध किया था।
ये तीनों रेसलर इस साल की शुरुआत से ही WFI के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण के खिलाफ पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के केंद्र में थे। उन्होंने बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। जहां साक्षी ने विरोध स्वरूप संन्यास की घोषणा कर दी, वहीं बजरंग ने भी अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटा दिया था।