नई दिल्ली। संजय सिंह की अगुआई वाले रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की नव निर्वाचित कार्यकारिणी को खेल मंत्रालय ने रविवार को सस्पेंड कर दिया। मंत्रालय ने अपने फैसले में कहा कि WFI ने मौजूदा नियमों का पालन नहीं किया था और नेशनल चैंपियनशिप के ऐलान में जल्दबाजी दिखाई थी। खेल मंत्रालय के इस फैसले पर पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का विरोध कर रहे रेसलर बजरंग पूनिया ने खुशी जताई है।
बजरंग पूनिया ने रविवार को मीडिया से बातचीत में कहा, "खेल मंत्रालय ने सही फैसला लिया है। हम पर राजनीति करने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सिर्फ एक ही इलाके के पहलवान विरोध कर रहे हैं। इसे हरियाणा बनाम यूपी की तरह दिखाने की कोशिश की गई। हम देश के लिए पदक जीतते हैं। वे सभी को धमकी दे रहे थे। क्या, बृज भूषण सरकार से बड़े हैं।"
बृजभूषण को फेडरेशन का हिस्सा नहीं होना चाहिए: बजरंग
बजरंग ने आगे कहा, "हमारा रुख अब भी वही है। बृजभूषण और उनके लोग रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया का हिस्सा नहीं होने चाहिए। हर राज्य संघ में बृजभूषण के लोग भरे पड़े हैं।"
क्या बजरंग पद्म पुरस्कार वापस लेंगे?
जब बजरंग पूनिया से पूछा गया कि क्या खेल मंत्रालय की कार्ऱवाई के बाद अब वो पद्मश्री पुरस्कार वापस लेने को तैयार हैं, तो बजरंग ने सकारात्मक जवाब दिया और ट्रोल्स पर निशाना साधते हुए कहा कि विरोध करने वाले पहलवानों को "देशद्रोही" बताने वाले सभी लोग बृज भूषण के लिए काम कर रहे थे। हमें देश के लिए किए गए अच्छे कामों के कारण सरकार ने सम्मानित किया था। यकीनन, हम ऐसा करेंगे (पुरस्कार वापस लेंगे)। ट्रोल्स हमें 'देश द्रोही' कह रहे हैं। क्यों? हमने अपना खून दिया है और देश के लिए पसीना बहाया है। ये सभी ट्रोल बृजभूषण सिंह के समर्थक हैं।
3 दिन पहले संजय सिंह अध्यक्ष चुने गए थे
बता दें कि भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को गुरुवार को WFI का नया अध्यक्ष चुना गया था। अध्यक्ष चुने जाने के बाद संजय सिंह ने गोंडा में अंडर-15 और अंडर-20 आयु वर्ग की नेशनल चैंपियनशिप कराने का ऐलान कर दिया था। खेल मंत्रालय के मुताबिक, ये फैसला रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के संविधान के मुताबिक सही नहीं था। नए अध्यक्ष ने स्पोर्ट्स कोड की अनदेखी की थी। इसी वजह से भारतीय कुश्ती संघ की नई बॉडी को सस्पेंड किया गया।