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Varun Aaron To Quit Red Ball Cricket : झारखंड की तरफ से खेलने वाले वरुण एरोन ने रेड बॉल क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला ले लिया है। राजस्थान के खिलाफ जमशेदपुर में चल रहा रणजी ट्रॉफी मुकाबला उनका आखिरी रेड बॉल मैच होगा।

नई दिल्ली। भारत के लिए 9 टेस्ट खेलने वाले तेज गेंदबाज वरुण एरोन ने रेड बॉल क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला कर लिया। राजस्थान के खिलाफ चल रहे रणजी ट्रॉफी मैच उनका आखिरी रेड बॉल मुकाबला होगा। झारखंड के 34 साल के इस पेसर ने कहा कि वो व्हाइट बॉल क्रिकेट खेलना जारी रहेंगे और अगले घरेलू सीजन से पहले इस फॉर्मेट में अपने भविष्य के बारे में फैसला करेंगे। क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने की दौड़ से बाहर हो चुके झारखंड के लिए यह रणजी सीजन का आखिरी मैच होगा।

भारत के सबसे तेज़ गेंदबाज़ों में से एक रहे एरोन ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो को बताया, "मैं 2008 से रेड बॉल क्रिकेट खेल रहा हूं। जब से मैंने तेज़ गेंदबाज़ी की, मुझे कई चोटें लगीं। अब मैं समझता हूं कि मेरा शरीर मुझे इसकी अनुमति नहीं देगा। लाल गेंद वाले क्रिकेट में तेज गेंदबाजी जारी रखनी है, इसलिए मैंने क्रिकेट छोड़ने का फैसला किया है। यह मेरे परिवार और जमशेदपुर के लोगों के सामने मेरा आखिरी मुकाबला हो सकता है क्योंकि हम अक्सर यहां (कीनन स्टेडियम) व्हाइट बॉल क्रिकेट नहीं खेलते हैं। मैंने अपना करियर यहीं से शुरू किया था, इसलिए यह मेरे लिए काफी भावनात्मक है।"

2011 में वरुण ने वनडे डेब्यू किया था
उन्होंने 2008 में अपने घरेलू मैदान रांची में जम्मू-कश्मीर के खिलाफ रणजी ट्रॉफी प्लेट लीग मुकाबले में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया था और दोनों पारियों में दो-दो विकेट लिए थे। उनकी रफ्तार ने शुरू में सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा था और उन्होंने जल्द ही 2011 में वानखेड़े स्टेडियम में इंग्लैंड के खिलाफ वनडे मैच से इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था। एक महीने बाद, उन्होंने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में ही वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना पहला टेस्ट खेला था। 

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भारत के लिए 9 टेस्ट और 9 वनडे खेले
वरुण एरोन ने कुल मिलाकर, 9 टेस्ट (52.61 पर 18 विकेट) और 9 वनडे (38.09 पर 11 विकेट) खेले। 2015 के बाद से ही उन्हें भारत की तरफ से कोई मैच खेलने का मौका ही नहीं मिला। वो अपने करियर के दौरान चोटों से जूझते ही रहे। पीठ और पैर में कई बार स्ट्रेस फ्रैक्चर होने की वजह से उनका करियर बेपटरी होता रहा। उन्होंने 65 फर्स्ट क्लास मैच में 33.74 की औसत से 168 विकेट लिए। 

ब्रॉड की नाक तोड़ दी थी
इंटरनेशनल स्तर पर, उन्हें शायद सबसे ज्यादा याद किया जाता है- खासकर स्टुअर्ट ब्रॉड के द्वारा। दरअसल, 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट में एऱोन ने ऐसी बाउंसर फेंकी थी, जो ब्रॉड के हेलमेट की ग्रिल से टकराई थी। गेंद की रफ्तार इतनी थी कि ब्रॉड की नाक टूट गई थी। कुछ ही समय बाद, एरोन को इंग्लिश काउंटी सर्किट में डरहम के लिए खेलने का मौका मिला था। 

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