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Dhinidhi Desinghu: पेरिस ओलंपिक में भारत के 117 एथलीट्स हिस्सा ले रहे। इसमें सबसे युवा एथलीट धिनिधि देसिंघु हैं। धिनिधि 14 साल की हैं। कभी वो पानी में जाने से डरती थीं। लेकिन, आज ओलंपिक में भारत की तरफ से दावेदारी पेश करेंगी।

Paris Olympics Dhinidhi Desinghu: पेरिस ओलंपिक में अब गिनती के ही दिन बचे हैं। इस बार ओलंपिक में 16 अलग-अलग खेलों में  117 भारतीय एथलीट्स स्सा लेंगे। इसमें 70 पुरुष और 47 महिला खिलाड़ी शामिल हैं। ये सभी खिलाड़ी 95 मेडल के लिए दावेदारी पेश करेंगे। इन खिलाड़ियों में सबसे युवा हैं धिनिधि देसिंघु, जिनकी उम्र 14 साल है और वो भारतीय़ दल की सबसे युवा सदस्य हैं। धिनिधि महिलाओं की 200 मीटर फ्री स्टाइल में अपनी दावेदारी पेश करेंगी। 

देसिंघु न केवल पेरिस में सबसे कम उम्र की भारतीय ओलंपियन हैं, बल्कि इन खेलों में हिस्सा लेने वाली देश की दूसरी सबसे कम उम्र की तैराक भी हैं। 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक के दौरान महिलाओं की 200 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक में भाग लेने वाली तैराक आरती साहा सबसे कम उम्र की तैराक हैं। 

यूनिवर्सलिटी कोटा पर पेरिस खेलों के लिए क्वालीफाई करने वाली धिनिधि देसिंधु महिलाओं की 200 मीटर फ्रीस्टाइल स्पर्धा में भाग लेंगी। श्रीहरि नटराज के साथ देसिंघु पेरिस में तैराकी स्पर्धाओं में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली इकलौती भारतीय हैं।नटराज ने टोक्यो ओलंपिक के लिए भी क्वालीफाई किया है, लेकिन देसिंघु के लिए ओलंपिक में उनका पहला प्रयास बहुत कम उम्र में हुआ है।

धिनिधि 9वीं क्लास में पढ़ती हैं और अब उनकी नजर ओलंपिक मेडल पर है। हालांकि यह मुश्किल हो सकता है, लेकिन किशोरी ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की है। 

बेंगलुरू की इस लड़की ने सात राष्ट्रीय स्वर्ण पदक जीते हैं और यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह सबसे कम उम्र की महिला तैराक हैं। 14 वर्षीय धिनिधि के नाम महिलाओं की 200 मीटर फ़्रीस्टाइल में राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी है। वह पहले ही 2022 ग्वांगझू एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।

बचपन में  को तैराकी पसंद नहीं थी और वह पानी में जाने से डरती थी। धिनिधि ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा था,"मुझे पानी पसंद नहीं था, मैं इसमें जाना नहीं चाहती थी। मैं अपने पैर पूल में नहीं डाल सकती थी, मैं अपना सिर अंदर नहीं डाल सकती थी। यह एक संघर्ष था। मैं उस समय छह साल की थी। जब मैं अगले साल वापस लौटी, तब भी मैं बहुत डरी हुई थी। हालांकि, आखिरकार इसकी आदत हो गई और अपने माता-पिता के समर्थन से सीढ़ियाँ चढ़ना शुरू कर दिया। और आज भारत की ये जलपरी ओलंपिक में है। 

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