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Who is Sachin Dhas: भारतीय क्रिकेट टीम साउथ अफ्रीका को हराकर अंडर-19 विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंच गई। भारत की जीत के हीरो सचिन दास रहे। सचिन भले ही 4 रन से शतक चूके। लेकिन, उन्होंने टीम को फाइनल में पहुंचा दिया। कभी छक्के मारने के लिए उनके बल्ले तक की जांच हुई थी।

Who is Sachin Dhas, Indias Under 19 World Cup Star: भारतीय क्रिकेट टीम साउथ अफ्रीका को हराकर रिकॉर्ड 9वीं बार अंडर-19 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंच गई। कप्तान उदय सहारन (Uday Saharan) ने जहां 81 रन की पारी खेली तो वहीं, सचिन दास (Sachin Dhas) ने मुश्किल वक्त में 96 रन ठोके। इन दोनों ने 32 रन के स्कोर पर 4 विकेट गिरने के बाद पांचवें विकेट के लिए 171 रन की रिकॉर्ड साझेदारी की और हारी बाजी पलट दी। इस पार्टनरशिप की बदौलत भारत 7 गेंद रहते ये मुकाबला 2 विकेट से जीत गया और अपने छठे खिताब के एक कदम और एक करीब पहुंच गया। 

सचिन दास ने इस मुकाबले से पहले सुपर-6 राउंड के मैच में भी नेपाल के खिलाफ 101 गेंद में 116 रन की पारी खेली। उस मुकाबले में भी सचिन और कप्तान उदय सहारन के बीच 215 रन की पार्टनरशिप हुई थी और इसी सिलसिले को इस जोड़ी ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ भी बरकरार रखा और नाजुक मौके पर बड़ी साझेदारी कर टीम को जीत दिलाई। 

कौन हैं सचिन दास?
सचिन दास महाराष्ट्र के बीड के रहने वाले हैं और करियर के शुरुआती दौर में ही एक टूर्नामेंट में छक्के मारने की वजह से उनके बल्ले तक की जांच हुई थी। तब सचिन की उम्र कम थी और उनकी कदकाठी भी ऐसी नहीं थी कि किसी को यकीन हो कि इतनी कम उम्र का लड़का इतने लंबे-लंबे छक्के मार सकता है। सचिन के छक्के मारने की क्षमता से टूर्नामेंट के आयोजक बेहद हैरान हो गए थे और ये जांचा था कि कहीं उनके बल्ले में तो कुछ नहीं लगा। 

लोहे की प्लेट के जरिए शॉर्ट बॉल खेलने की प्रैक्टिस की
सचिन ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ अंडर-19 विश्व कप सेमीफाइनल में शॉर्ट गेंद के खिलाफ जमकर पुल शॉट खेले। उन्हें देखकर ये कभी नहीं लगा कि वो उछाल भरी पिच पर शॉर्ट गेंद को लेकर असहज हैं। ये एक दिन की मेहनत का कमाल का नहीं है।

सचिन के कोच शेख अजहर ने इंडियन एक्सप्रेस से बताया, "वो पेस और स्पिन के खिलाफ हमेशा से अच्छे हैं। लेकिन हम ये जांचना चाहते थे कि वो शॉर्ट गेंदों को अच्छे खेल सकते हैं या नहीं। इसलिए शुरुआती दौर से ही हम गुड लेंथ एरिया में लंबी-चौड़ी लोहे की प्लेट रख देते थे और फिर उसपर थ्रो डाउन करते थे। इससे गेंद की रफ्तार बढ़ जाती थी और अतिरिक्त उछाल भी होता था।

कोच ने आगे बताया, "शुरू में तो सचिन को इस तरह की गेंदों को खेलने में परेशानी आई। लेकिन, जैसे-जैसे समय आगे बढ़ा उनके खेल में सुधार हो गया और आज इसी का नतीजा है कि साउथ अफ्रीका के तेज गेंदबाजों की शॉर्ट गेंदों के खिलाफ भी सचिन ने डटकर बल्लेबाजी की।"

सचिन तेंदुलकर पर मिला नाम
बता दें कि सचिन दास का भारत के पूर्व कप्तान सचिन तेंदुलकर से भी खास कनेक्शन है। पिता संजय दास ने उनका नाम सचिन तेंदुलकर पर रखा है, जो सुनील गावस्कर के बाद उनके दूसरे पसंदीदा क्रिकेटर हैं। सचिन के पिता भी खुद क्रिकेटर रहे हैं। इसलिए उनका सचिन को लेकर बचपन से ही यही सपना था कि उसे क्रिकेटर बनाना है और आज वो सपना सच होता दिख रहा। 

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