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Who is Yusuf Dikec: पेरिस ओलंपिक में तुर्किए के निशानेबाज युसूफ डिकेक बिना किसी शूटिंग गियर के निशाना साधते नजर आए थे और उन्होंने मिक्स्ड टीम इवेंट में सिल्वर जीता था। इसके बाद वो सोशल मीडिया स्टार बन गए। जानें कौन हैं युसूफ डिकेक।

नई दिल्ली। तुर्किए के 51 साल के निशानेबाज युसूफ डिकेक पेरिस ओलंपिक में एक पदक जीतकर ही सोशल मीडिया स्टार बन चुके हैं। उन्होंने तीन दिन पहले ही पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में सिल्वर मेडल जीता था। इसी इवेंट में भारत की मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने ब्रॉन्ज मेडल पर निशाना साधा था। इस इवेंट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एक्स पर तुर्किए के शूटर डिकेक छाए हुए हैं। ये भी दावा किया जा रहा कि युसूफ ने बिना शूटिंग गियर के ही ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीत लिया। 

जिस शूटिंग इवेंट में मनु और सरबजोत सिंह ने पूरे साजो-सामान के साथ उतरकर कांस्य पदक पर निशाना साधा था। उसी इवेंट में डिकेक ने अपनी साथी  सेव्वल इल्यादा तरहान के साथ मिलकर सिल्वर जीता। इस इवेंट के दौरान वो एक हाथ जेब में डाले निशाना लगाते नजर आए थे। इस दौरान उन्होंने अपना साधारण चश्मा बना हुआ था और उनके शरीर पर किसी तरह का शूटिंग गियर नहीं था। 

दरसअल, पिस्टल शूटिंग किट में मूमन लेंस, ब्लाइंडर और ईयर प्रोटेक्टर होते हैं। निशानेबाज रोशनी कम करने के लिए आंख के ऊपर लगाई जाने वाली वाइज़र यानी एक खास किस्म की टोपी और बेहतर फोकस के लिए एक आंख पर ब्लाइंडर का इस्तेमाल करते हैं।  चश्मे में दो तरह के लेंस होते हैं। पहला लेंस धुंधले विजन को दूर करता है और दूसरा लेंस लक्ष्य पर निशाना साधने में मदद करता है। वहीं, हेडफोन बाहरी आवाज को पूरी तरह हटाने के लिए होता है। हालांकि, डिकेक अपने इवेंट में हेडफोन के बगैर नजर आए थे। हालांकि, उन्होंने बाहरी आवाज काटने के लिए जरूर छोटे इयरप्लग लगाए थे। वहीं, उन्होंने चश्मा साधारण पहना था।

कौन हैं यूसुफ़ डिकेक
51 साल के यूसुफ़ डिकेक का ये पहला ओलंपिक नहीं है। वह 2008 से ओलंपिक में हिस्सा ले रहे हैं। ये उनका पांचवां ओलंपिक है। इस ओलंपिक के 10 मीटर पिस्टल शूटिंग के इवेंट में वो 13वें स्थान पर रहे थे। लेकिन मिक्स्ड डबल में वो पदक जीतने में सफल रहे। अब वो 2028 में मेडल जीतने की उम्मीद कर रहे हैं। 

उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा था, "उम्मीद करता हूं कि 2028 में लॉस एंजिलिस में होने वाले ओलंपिक में गोल्ड मेडल आए। मैं बहुत खुश हूं कि तुर्की के लिए हम पहला ओलंपिक मेडल जीतने में कामयाब रहे। ये मेडल उन्हीं तुर्की के लोगों को समर्पित।"

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