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Team India Head Coach: गौतम गंभीर क्यों टीम इंडिया के अगले हेड कोच के रूप में परफेक्ट विकल्प हो सकते हैं। जानिए इसकी बड़ी वजहें।

नई दिल्ली। टी20 वर्ल्ड कप शुरू होने में 4 दिन बाकी हैं और टीम इंडिया भी 17 साल का सूखा खत्म करने के लिए अमेरिका पहुंच चुकी है। हालांकि, इस टूर्नामेंट से पहले भारतीय टीम से ज्यादा चर्चा इस बात की हो रही टी20 विश्व कप के बाद कौन भारत का अगला हेड कोच होगा? किसी बड़े टूर्नामेंट से पहले ऐसा होना ठीक नहीं है। बात इतने तक ही रहती तो ठीक है। इस बीच, जस्टिन लैंगर और रिकी पोंटिंग का नाम भी भारतीय हेड कोच के लिए चर्चा में आया। लेकिन, दोनों दिग्गजों ने इस जिम्मेदारी को संभालने से इनकार कर दिया।

हालांकि, बीसीसीआई ने ये कहकर कि उसने कभी भी ऑस्ट्रेलियाई दिग्गजों से संपर्क नहीं साधा, इस विवाद को और हवा दे दी। इस बीच, गौतम गंभीर भी इस रेस में आ गए। उनकी मेंटरशिप में केकेआर ने आईपीएल 2024 का हाल ही में खिताब जीता है। उनकी बीसीसीआई सचिव जय शाह से बातचीत हो चुकी है। ऐसे में इस बात के कयास लग रहे हैं कि गंभीर ही अगले हेड कोच होंगे। आखिर क्यों गंभीर भारतीय क्रिकेट टीम के लिए परफेक्ट कोच साबित हो सकते हैं। आइए तीन वजहें जानते हैं। 

गंभीर कड़े और बड़े फैसले ले सकते हैं
गौतम गंभीर जज्बाती खिलाड़ी हैं और प्रदर्शन को ऊपर रखते हैं। अगर वो भारतीय क्रिकेट टीम के कोच बनते हैं तो कड़े और बड़े फैसले ले सकते हैं। जब 2018 में गंभीर का दिल्ली कैपिटल्स में आना टीम के लिए फायदे का सौदा साबित नहीं हुआ तो उन्होंने श्रेयस अय्यर को टीम की कप्तानी सौंप दी थी। ये दिल्ली कैपिटल्स के काम आई थी। 

भारत के लिए टी20 विश्व कप कैसा भी बीते। इसके बाद भविष्य की टीम इंडिया को लेकर फैसले लेने होंगे। रोहित शर्मा और विराट कोहली से आगे की टीम इंडिया क्या होगी, ये तय करना होगा। भविष्य का कप्तान कौन होगा? इस पर फैसला करना होगा। टी20 में इसकी सबसे ज्य़ादा जरूरत होती और इसी कमी के कारण टीम इंडिया टी20 का बड़ा टूर्नामेंट जीतने में चूक जा रही।

गंभीर इस मोर्चे पर बदलाव ला सकते हैं जैसा उन्होंने इस साल केकेआर के मेंटॉर रहते किया था। उन्होंने टीम के खेलने का अंदाज पूरी तरह बदल दिया था और इसी कारण से टीम चैंपियन बनी। 

गंभीर में युवा खिलाड़ियों को तराशने का हुनर
केकेआर के कप्तान रहते और लखनऊ सुपर जायंट्स का मेंटॉर रहते गौतम गंभीर ने हमेशा युवा खिलाड़ियों को तराशने का काम किया। हर्षित राणा और वैभव अरोड़ा पिछले साल भी केकेआर में थे लेकिन गंभीर के आने के बाद इन दोनों खिलाड़ियों का खेल बदल गया और इस साल केकेआर को चैंपियन बनाने में इन दोनों का अहम रोल रहा। 

द्रविड़ के कोच रहते रिंकू सिंह, यशस्वी जायसवाल और ध्रुव जुरेल जैसे युवा खिलाड़ी टीम इंडिया में आए और इन सभी ने मिले मौके को खूब भुनाया। इनकी सफलता में द्रविड़ का बड़ा हाथ है। भारत के पास ऐसे युवा खिलाड़ियों की लंबी फेहरिस्त है। रियान पराग, अभिषेक शर्मा, नीतीश रेड्डी जैसे युवा खिलाड़ी हैं, जो टीम इंडिया के दरवाजे पर दस्तक दे रहे।

अगर गंभीर टीम इंडिया के कोच बनते हैं तो वो युवा खिलाड़ियों को ज्यादा से ज्यादा मौके दे सकते हैं ताकि वो खुद को साबित कर सकें। भविष्य की टीम इंडिया के लिए ये सबसे जरूरी है और गंभीर इस काम को बखूबी अंजाम दे सकते हैं। 

मैच में आखिर तक लड़ने का जज्बा पैदा कर सकते हैं
टीम इंडिया को अपने अगले हेड कोच से सबसे बड़ी जरूरत यही है कि वो सितारों से सजी टीम को एक यूनिट के रूप में बांधे और आईसीसी ट्रॉफी के सूखे को खत्म करने की दिशा में आगे ले जाए। गंभीर में वो जज्बा है, वो टीम में स्टार कल्चर को खत्म कर एक यूनिट के रूप में टीम को बांधे रख सकते हैं। वो हमेशा खिलाड़ी की नहीं, बल्कि टीम की बात करते हैं। 

केकेआर के मेंटॉर रहते भी उन्होंने इसी सोच को आगे बढ़ाया और आंद्रे रसेल, मिचेल स्टार्क, सुनील नारायण जैसे सितारा खिलाड़ियों की मौजूदगी के बावजूद केकेआर एक टीम के रूप में खेली और 10 साल बाद आईपीएल जीती। केकेआर ने प्लेऑफ और फाइनल जैसे हाई प्रेशर मैच में भी दबाव को हावी नहीं होने दिया और टीम इंडिया में फिलहाल इसी खूबी की कमी है, इसी वजह से भारतीय टीम आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचकर चूक जा रही।

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