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छपरा के उप मुख्य टिकट निरीक्षक राजीव कुमार और मनमोहन कुमार ने बिना किसी देरी के यात्री को कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) की प्रक्रिया अपनाई, जिससे यात्री को होश में लाया गया।

Bihar News। एक बार फिर चलती ट्रेन में एक बुजुर्ग के लिए टीटीई भगवान बन कर जान बचा ली। गाड़ी संख्या 15708, अमृतसर-कटिहार आम्रपाली एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में एक यात्री कार्डियक अरेस्ट (हृदयाघात) का शिकार हो गया, जिससे कोच में अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान रेलवे के कर्मठ कर्मचारी अपनी तत्परता से यात्री की जान सीपीआर देकर बचाई। 

टीटीई ने CPR देकर बचाई जान
बता दें, छपरा के उप मुख्य टिकट निरीक्षक राजीव कुमार और मनमोहन कुमार ने बिना किसी देरी के यात्री को कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) की प्रक्रिया अपनाई, जिससे यात्री को होश में लाया गया। इसके साथ ही छपरा स्वास्थ्य यूनिट के डॉक्टर को भी तत्काल सूचित किया गया। सीपीआर देने और कृत्रिम श्वसन के प्रयासों से यात्री ने अपनी आँखें खोली और बेहतर महसूस करने लगा। 

जब ट्रेन छपरा स्टेशन पर पहुँची, तो स्वास्थ्य यूनिट के डॉक्टर ने यात्री का इलाज किया। यह घटना इस बात का उदाहरण है कि कैसे कर्मयोगी प्रशिक्षण में मिली प्राथमिक चिकित्सा और आपातकालीन प्रक्रिया का ज्ञान, रेलवे कर्मचारियों को जीवन रक्षक बनाता है। यात्री और उसके सहयात्रियों ने रेलवे कर्मचारियों की सराहना की और उन्हें दिल से धन्यवाद दिया।

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कर्मयोगी प्रशिक्षण के बारे में जानें 
रेल प्रशासन समय-समय पर अपने कर्मचारियों को कर्मयोगी प्रारम्भ मॉड्यूल के माध्यम से ऐसे प्रशिक्षण देता है, जिससे उनके कार्य क्षमता में सुधार होता है। इस प्रशिक्षण के जरिए कर्मचारियों को न केवल यात्री सेवा में दक्षता मिलती है, बल्कि वे आपातकालीन परिस्थितियों में भी तत्पर रहते हैं। यह मॉड्यूल रेलवे कर्मचारियों को उच्चतम मानकों की सेवा प्रदान करने के लिए निरंतर तैयार करता है।

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