BPSC Protest: पटना में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई के बाद आज सोमवार(30 दिसंबर) को बिहार बंद का ऐलान किया गया है। AISA (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) ने परीक्षा में धांधली और कथित प्रश्नपत्र लीक को लेकर यह बंद बुलाया है। इस बंद को सीपीआई और अन्य विपक्षी दलों का समर्थन भी मिला है। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि सरकार और आयोग ने उनकी मांगों को नजरअंदाज किया, जिससे उन्हें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा।
नौजवानों के भविष्य से खेल रही नीतीश सरकार:तेजस्वी
पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इस मामले में सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, "नीतीश कुमार सरकार नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। मैंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर परीक्षा रद्द करने की मांग की थी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।" तेजस्वी ने प्रशांत किशोर पर आंदोलन को हाईजैक करने और गुमराह करने का भी आरोप लगाया। आरजेडी नेता ने कहा, "कुछ लोग बीजेपी के इशारे पर इस आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। छात्रों से अपील है कि वह शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखें।"
रविवार रात पुलिस ने छात्रों पर किया लाठी चार्ज
छात्रों का आरोप है कि वह अपनी मांगों को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे। रविवार(29 दिसंबर) को छात्र गांधी मैदान से मार्च निकालकर सीएम आवास जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया। छात्र इतने पर भी नहीं माने। छात्र पुलिस की ओर से लगाए गए बैरिकेड्स तोड़ते हुए आगे बढ़ गए और जेपी गोलंबर पहुंच गए। जेपी गोलंबर पर पुलिस पहले से ही दल बल के साथ तैयार खड़ी थी। पुलिस ने एक बार छात्रों को अंतिम वार्निंग दी। जब छात्र आगे बढ़ते ही रहे तो पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया। छात्रों पर वाटर कैनन का इस्तेमाल भी किया गया। इस पुलिसिया एक्शन में कई छात्रों को चोटें आईं हैं।
आखिर क्यों सड़कों पर उतरे हैं हजारों छात्र?
BPSC अभ्यर्थी परीक्षा में कथित प्रश्नपत्र लीक और धांधली की शिकायत कर रहे हैं। उनका कहना है कि परीक्षा की प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं है। प्रदर्शनकारी छात्र परीक्षा रद्द करने और दोबारा आयोजित करने की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि आयोग और सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। छात्र बीपीएससी की ओर से नॉर्मलाइजेशन को लागू करने के खिलाफ हैं। छात्रों के इस प्रदर्शन को कई कोचिंग संचालक शिक्षक भी अपना समर्थन दे रहे हैं। यही वजह है कि प्रशांत किशोर के साथ ही पटना पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफआईआर में पटना के कई कोचिंग संचालक शिक्षकों का भी नाम है।
प्रशांत किशोर समेत 21 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
छात्रों के प्रदर्शन में प्रशांत किशोर की मौजूदगी से इस पर सियासत तेज हो गई। तेजस्वी ने जहां पीके को आंदोलन हाईजैक करने का आरोप लगाया है, वहीं पुलिस का कहना है कि प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी के कई सदस्यों ने बिना अनुमति प्रदर्शन किया। पटना सिटी एसपी स्वीटी सहरावत ने कहा, "प्रशांत किशोर प्रदर्शनकारियों को जेपी गोलंबर तक लीड कर रहे थे। छात्रों के प्रदर्शन की वजह से सड़क पर जाम लग गया। छात्रों से हटने की अपील की गई, लेकिन वह पीछे नहीं हटे। ऐसे में छात्रों को हटाने के लिए पुलिस को मजबूर होकर वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा।" बिहार पुलिस ने इस मामले में प्रशांत किशोर समेत 21 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
आम आदमी पार्टी के सांसद ने नीतीश सरकार को घेरा
AAP के सांसद संजय सिंह ने कहा, "छात्रों पर पुलिस का जानलेवा लाठीचार्ज हुआ। सरकार को तुरंत इस मामले पर संज्ञान लेना चाहिए। देश लाठी से नहीं, संवाद और संविधान से चलता है।" कांग्रेस ने भी नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि ठंड में वाटर कैनन और लाठीचार्ज करना तानाशाही है। सरकार को अहंकार छोड़कर छात्रों की बात सुननी चाहिए। आज बिहार बंद के दौरान जनजीवन प्रभावित होने की संभावना है। प्रदर्शनकारी छात्र चक्का जाम और अन्य तरीकों से सरकार पर दबाव बनाने की तैयारी कर रहे हैं। विपक्ष के समर्थन से यह आंदोलन और भी जोर पकड़ रहा है। अब देखना है कि सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है।