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Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन और रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है। सत्तापक्ष के नेताओं में जहां श्रेय लेने की होड़ है तो वहीं विपक्षी नेता राजनीतिककरण का आरोप लगाते हुए कार्यक्रम से दूरी बना रहे हैं। 

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या राम मंदिर के उद्धाटन और रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से कांग्रेस के बाद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू यादव ने भी दूरी बना ली। बुधवार को मीडिया के सवाल पर बताया कि प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यकम में हम नहीं जा रहे। वहीं कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने राममंदिर को राजनीतिक मुद्दा बताते हुए दावा किया कि कांग्रेस ने मंदिर का विरोध कभी नहीं किया। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सवाल उठाए हैं। 

राजद सुप्रीमो लालू यादव ने कहा, हम राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में नहीं जाएंगे। सीट शेयरिंग और नीतीश के संबंधों के सवाल लालू यादव ने बताया कि गठबंधन में इतना जल्दी सीट शेयरिंग नहीं होता। नीतीश कुमार की नाराज़गी पर बोलने से बचते नजर आए। कहा, ऐसी कोई बात नहीं है। लालू यादव के बेटे बौर बिहार सरकार में पर्यवरण मंत्री तेजप्रताप यादव ने दावा किया था 22 को राम जी अयोध्या नहीं आएंगे। भगवान मेरे सपने में आए थे और बोले हैं ई सब ढोंग कर रहा, हम ऐबे नहीं करेंगे।

राजीव गांधी के समय हो गया था भूमिपूजन: दिग्विजय 
कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने बाबरी मस्जिद गिराए जाने के पीछे BJP-RSS और विहिप की मंशा पर सवाल उठाए। कहा, उस जगह मंदिर निर्माण नहीं, बल्कि हिंदू-मुस्लिम मुद्दा बनाकर राजनीतिक लाभ लेना चाहते थे। उन्होंने नए मंदिर के स्थान पर भी सवाल उठाया। कहा,  कांग्रेस ने सिर्फ अदालत के फैसले का इंतजार करने को कहा था। गैर विवादित जमीन पर भूमि पूजन पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के समय हो गया था। पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने भी मंदिर के लिए गैर-विवादित भूमि का अधिग्रहण किया था, लेकिन बीजेपी, विहिप और संघ मस्जिद गिराकर राजनीतिक लाभ लेना चाहते थे। दिग्विजय ने कहा, कांग्रेस राम मंदिर नहीं, बल्कि राजनीतिक साजिश का विरोध करती है। 

सभी दलों को साथ लेकर चलने की जरूरत 
राजस्थान के पूर्व CM व कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने राम मंदिर को सबकी आस्था का विषय बताया। कहा, कोर्ट के आदेश क बाद झगड़ा समाप्त हो गया।  फैसले को सभी ने स्वीकार कर लिया है। भगवान राम और राम मंदिर सबका है। प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को भाजपा और आरएसएस राजनीतिक रंग देने में जुटी हुई। इस मुद्दे पर शुरू से सभी दलों को साथ लेकर चलने की जरूरत थी।  

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