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सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया के एक कर्मचारी ने ग्राहकों के खाते से दो करोड़ अन्य खातों में ट्रांसफर कर फरार हो गया। आरोपी ने उन खातों को अपना निशाना बनाया बैंक खातों में नंबर लिंक नहीं था।

राजनांदगाव। बैंक... ये वह जगह होती है जहां लोग अपने खून-पसीने की कमाई को जमा करते हैं। ताकि जरुरत पड़ने पर वे इस रकम को उपयोग कर सकें। लेकिन सोचिये जब बैंक में पैसे सुरक्षित ना हों और खाते से ही गायब हो जाए। जी हां.... ऐसा ही एक मामला राजनांदगाव जिले से आया हैं जहां एक बैंक कर्मचारी ने धोखे से ग्राहकों के 2 करोड़ से ज्यादा की रकम अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए और फरार हो गया। 

मिली जानकारी के अनुसार, आरोपी आदेशराज भावे जो कि, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया राजनांदगाव शाखा में सिंगल विन्डो आपरेटर ए के पद पर कार्यरत था। आरोपी ने ग्राहकों के खातों से दो करोड बत्तीस लाख सत्रह हजार रूपये अपने खाते और अन्य खातों में ट्रांसफर कर फरार हो गया। आरोपी उन खातों को अपना निशाना बनाया जिन बैंक खातों में नंबर लिंक था। इसके लिए बाकायदा आरोपी ने फर्जी नंबर खरीदकर उनके खातों में नंबर लिंक किया और फिर अलग-अलग खातों में पैसों को ट्रांसफर कर फरार हो गया। 

बैंक कर्मचारियों के उड़े होश 

मामले की जानकारी जब बैंक को लगी तो उनके होश उड़ गए। आनन-फानन में बीटी अनुषा शर्मा बैंक पहुंची तो उनके होश उड़ गए उन्होंने तत्काल मामले की रिपोर्ट कोतवाली थाने में दर्ज करवाई। जिसके बाद थाना प्रभारी निरीक्षक एमन साहू के नेतृत्व मे थाना कोतवाली से तत्काल टीम गठित कर आरोपी के पतासाजी के किये रवाना किया गया। पुलिस की टीम जब आरोपी के घर पहुंची तो आरोपी वहां नहीं मिला। जिसके बाद पुलिस ने उसकी फोटो आस-पास के थानों में सर्कुलेट कर उसकी खोजबीन में जुट गई। 

15 घंटे बाद रायपुर से हुआ गिरफ्तार 

15 घंटे बीत जाने के बाद पुलिस को मुखबीर से सूचना मिली कि, आरोपी को रायपुर में कहीं छिपा हुआ है। जिसके बाद तत्काल राजनांदगाव पुलिस ने रायपुर पुलिस से संपर्क स्थापित कर किसी तरह से घेराबंदी कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी आदेशराज भावे ने स्वीकार कर लिया और बताया कि, उसने ही ग्राहकों के खाते से पैसे अपने दूसरे खाते में ट्रांसफर किये हैं। जिसके बाद पुलिस ने धारा 409, 420 के तहत आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश कर उससे जेल भेज दिया है। 

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