अश्विनी सिन्हा-गरियाबंद। छत्तीसगढ़ गरियाबंद जिले के तहसील मुख्यालय मैनपुर से 18 किलोमीटर दूर वनांचल बडेगोबरा आदिवासी बालक आश्रम से खबर निकलकर सामने आ रही है। आदिवासी बालक आश्रम में पढ़ाई करने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति के बच्चे धोखे से रतनजोत के जहरीले फल को खा गए। जिससे बच्चों की तबीयत बिगड़ गई और बच्चे उल्टी करने लगे।
मामले की जानकारी लगते ही पुरे गांव में हड़कंप मच गया, ग्रामीणों ने संजीवनी एक्सप्रेस 108 को फोन लगाया लेकिन एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाई। नतीजतन ग्रामीणों ने कड़ाके की ठंड में बच्चों को मोटर सायकल में बिठाकर घने जंगलो को पार कर रात 9 बजे मैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले जा गया। जहां डाॅक्टरों के द्वारा बच्चों का इलाज किया जा रहा है। रतनजोत जहरीले फल खाने के कारण दो छात्रों का हालत गंभीर बताई जा रही है और सभी 8 छात्रों का ईलाज मैनपुर अस्पताल में किया जा रहा है।
ब्लॉक कांग्रेस महामंत्री पहुंचे अस्पताल
ब्लॉक कांग्रेस महामंत्री गेंदु यादव ने बताया कि, मुझे जैसे ही पता चला कि, आदिवासी बालक आश्रम के बच्चे रतनजोत खाकर बीमार पड़ गए हैं। तो तत्काल मैं अस्पताल पहुंचा और बच्चों का हाल-चाल जाना। फिलहाल बच्चों का इलाज जारी है और स्थिति पर मैंने नजर बनाये रखी हुई है।
धोके से खा गए रतनजोत- अधीक्षक
आदिवासी बालक आश्रम बडेगोबरा के प्रभारी अधीक्षक सुरेश सागर ने बताया कि, बच्चे शाम का खाना खाने के बाद धोखे से रतनजोत के फल खा गय। जिसके कारण उनकी तबीयत बिगड गई। तबीयत खराब होने के कारण बच्चो को मैनपुर अस्पताल लाया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
बच्चों का इलाज जारी- बीएमओ
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मैनपुर के बीएमओ डाॅ. गजेन्द्र धु्व और वरिष्ठ डाॅक्टर केडी जोगी ने बताया कि, बच्चे रतनजोत खाने की बात बताई जा रही है। अभी अस्पताल लाया गया है और बच्चों का उपचार किया जा रहा है। गंभीर स्थिति को देखते हुए यदि जरूरत पड़ी तो बच्चों को जिला अस्पताल रेफर किया जायेगा।