छन्नू खंडेलवाल-मांढर। छत्तीसगढ़ के मांढर में सरकारी धन का दुरुप्रयोग का अनूठा वाकया देखने को मिला है। जहां पुरानी सड़क के उपर एक पतली सी परत चढ़ाई जा रही है। जिसको लेकर ग्रामीणों में काफी नाराजगी है, ग्रामीणों के हस्तक्षेप के बाद ठेकेदार ने सड़क पर लीपापोती शुरू कर दी गई है। ग्रामीणों ने कंस्ट्रक्शन कंपनी पर लापरवाही और धांधली के आरोप लगाए हैं।
पांच वर्ष पूर्व विधानसभा से सिलयारी तक लोक निर्माण विभाग द्वारा बाईपास के रूप में सड़क बनाई गई थी। अब इस सड़क में पीडब्ल्यूडी विभाग के अंतर्गत खेतान कंस्ट्रक्शन के द्वारा पुराने सड़क के ऊपर डामरीकरण (रिनवल) का कार्य किया जा रहा है। डामरीकरण हुए महज दो दिन ही पूर्ण हुए थे कि, सड़क में दरारें आनी शुरू हो गई। ग्रामीणों ने गुणवत्ताहीन कार्य को लेकर सवाल खड़े किये तो ठेकेदार ने दरारों में हल्की सी डामर की परत चढ़वाकर खानापूर्ति कर दी।
कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा किया जा रहा गुणवत्ताहीन काम
उल्लेखनीय है कि, मांढर कॉलोनी शिव मंदिर से पथरी मुख्य मार्ग 10 किलोमीटर तक डामरीकरण कार्य किया जा रहा है। सड़क का डामरीकरण खेतान कंस्ट्रक्शन के द्वारा किया जा रहा है। डामरीकरण कार्य में महज दो दिन में ही हुआ है। लेकिन सड़क में दरारें दिखने लगी है। गुणवत्ताहीन कार्य को देखकर ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि, ठेकेदार ने घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। डामर की मात्रा कम होने की वजह से सड़क पर दरारे पड़ने लगी है। जबकि गिट्टी और बजरी की मात्रा ज्यादा है। सड़क में डामर का मिश्रण कम होने से सड़क की बजरी उखड़नी शुरू हो गई है।
सड़क पर दौड़ते हैं ओवरलोड ट्रक
स्थानीय लोगों ने बताया कि, पांच साल पहले जो सड़क बनी थी वह काफी मजबूत थी। अब लोक निर्माण विभाग के द्वारा उसी के ऊपर डामरीकरण किया जा रहा है। इस सड़क पर 24 घंटे ओवरलोड ट्रक दौड़ते रहते हैं। एक और ग्रामीण ने बताया कि, विधानसभा से लगे ग्राम दोदेखुर्द और दोदेंकला मटिया में गिट्टी खदान है। जहां 24 घंटे बड़े-बड़े ट्रैकों में ओवरलोड कर गिट्टी का धुढाई का कार्य इसी मार्ग से करते हैं। ओवरलोड वाहनों के चलने की वजह से डामरीकरण हुई यह सड़क कुछ ही महीनों में बुरी तरह से उखड़ जाएगी।
बिना सूचना बोर्ड लगाए ही किया जा रहा सड़क निर्माण
स्थानीय ग्रामीणों ने आगे बताया कि, लोक निर्माण विभाग द्वारा एक सप्ताह पहले ग्राम मांढर कालोनी शिव मंदिर से पथरी मुख्य मार्ग 10 किलोमीटर तक डामरीकरण निर्माण कार्य कराया जा रहा है। प्रारंभ करने से पहले कार्य स्थल में सूचना पटल लगाया जाता है, लेकिन विभाग द्वारा यहां निर्माण कार्य से संबंधित कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है। जबकि कोई भी शासकीय कार्य प्रारंभ करने से पहले वहां पर कार्य का नाम, सड़क की लंबाई, प्रशासनिक स्वीकृति राशि, अनुबंधक का नाम, अनुबंध क्रमांक, दर, कार्य प्रारंभ एवं कार्य पूर्ण होने की तारीख, उपअभियंता का नाम एवं मोबाइल नंबर, कार्यपालन अभियंता एवं अनुविभागीय अधिकारी का नाम एवं मोबाइल नंबर की जानकारी प्रदर्शित करना होता है। ताकि निर्माण कार्य में पारर्दर्शिता बनी रहे और लोग गड़बड़ी की शिकायत संबंधित अधिकारी से कर सकें। केकिन 10 किलोमीटर हो रहे सड़क निर्माण में तकनीकी विवरण का कोई भी सूचना पटल नहीं लगाया गया है। निर्माण कार्य के बारे ग्रामीणों को पता ही नहीं कौन से विभाग का है। कितनी लागत राशि से सड़क बन रही है और कहां से कहां तक सड़क बनना है।