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छत्तीसगढ़ उत्तर पूर्वी छोर पर बसा जशपुर जिला हाथियों की लगातार आमदरफ्त वाला क्षेत्र है। ऐसे में वनकर्मियों की हड़ताल से ग्रामीण इलाके में हाथियों के हमले की आशंका से भय व्याप्त है।

जितेंद्र सोनी-जशपुर। जिले के वन कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। वनकर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से क्षेत्र में हाथियों से आमजनों के साथ-साथ जंगल की सुरक्षा दांव पर लग गई है। जिले में 30 हाथियों का दल विचरण कर रहे हैं, ऐसी स्थिति में वन कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से क्षेत्रवासियों के लिए खतरे की स्थिति बनी हुई है।

190 वनकर्मी हैं हड़ताल पर

 दरअसल, मामला जशपुर जिला मुख्यालय का है। यहां 190 वन कर्मी हड़ताल पर चले गए हें। इनमें वन रक्षक सहित डिप्टी रेंजर भी शामिल हैं। ये वनकर्मी अपनी चार सूत्रीय मांगों पर अड़े हैं। उनकी मांगो में लघु वनोपज संघ वर्ष 2009 से वन कर्मचारी संघ से समझौते के अन्तर्गत उप वन क्षेत्रपाल के 180 पद स्वीकृत किये गये थे, जिसे वर्तमान में विलोपित कर नई संविदा नियुक्ति की जा रही है। इससे वनपालों की पदोन्नति प्रभावित हो रही है।

हड़ताल पर वनकर्मी
 

 180 पदों पर संविदा नियुक्ति बंद करने की मांग 

हड़ताल पर गए कर्मचारी 180 पदों की संविदा नियुक्ति को तत्काल बंद करने की मांग कर रहे हें। वन कर्मियों का कहना है कि, वे 24 घंटे अपने कर्तव्य का पालन करते हैं इसलिए  वनरक्षकों को 2400, वनपाल को 2800, उपवन क्षेत्रपाल को 4200 का नया ग्रेड स्वीकृत किया जाए। इसके अलावा विभागीय सेटअप पिछले 10-15 सालों से पुनरीक्षित नहीं किया गया है। इससे कार्य क्षेत्र एव कर्मचारियों की संख्या में बहुत ज्यादा असंतुलन है। जिससे वन व वन्यप्राणियों की सुरक्षा प्रभावित हो रही है। साथ ही पुनरीक्षित विभागीय सेटअप तत्काल लागू करने, सभी वनरक्षकों का वेतनमान 30-45 हजार को मान्य किए जाने की मांग भीइ हड़ताली कर्मचारी कर रहे हैं। वनकर्मियों ने कहा कि, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं हड़ताल जारी रहेगा।

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