महासमुंद। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के पिथौरा ब्लॉक के जाडामुडा धान खरीदी केंद्र में एक के बाद एक फर्जीवाड़े मामले निकलकर सामने आ रहे है।यहां धान संग्रहण केंद्र के समिति प्रबंधक और दो कंप्यूटर ऑपरेटर्स ने 19 किसानों के धान को किसानों को धोखे में रख कर दूसरों के खाते को जोड़कर 33 लाख रुपए निकाल कर फरार हो गए हैं। खरीदी केंद्र में किसानों के साथ लाखों रुपये की धोखाधड़ी की गई है।
मिली जानकरी के अनुसार, जाडामुडा उपार्जन केंद्र प्रभारी उमेश भोई, कंप्यूटर ऑपरेटर मनीष प्रधान, मनोज प्रधान ने आपस में मिली भगत कर 19 किसानों के धान को दूसरे किसानों के खाता में बेचकर राशि निकाल ली। मामला उजागर होने के बाद केंद्र प्रभारी समेत ऑपरेटर फरार हो गए। किसानों की शिकायत पर बसना थाने में धान खरीदी केंद्र प्रभारी और दो कम्प्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ धारा 420, 409, 34 के तहत मामला दर्ज कर पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट हुई है।
दूसरे के खाते में डाले पैसे
किसानों की खून-पसीने की कमाई धोखे से धान खरीदी केंद्र प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर ने फर्जी किसानों के खाता में धान बेचकर 32 लाख 90 हजार रुपये निकाल लिए। मामले का खुलासा तब हुआ जब किसानों ने अपने बेचे गए धान के पैसै नहीं आने पर धान संग्रहण केंद्र में किसानों ने जमकर हंगामा किया।जिसके बाद अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच की तो पता चला कि, इन 19 किसानों के धान दूसरे के खातों में चढ़ाकर धान बेच दिया गया है और राशि निकाल ली गई है।
जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जायेगा-टीआई
इस मामले में बसना थाना प्रभारी आशीष वासनिक ने बताया कि, किसानों की शिकायत पर तीनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। मामला दर्ज होने के बाद से तीनों फरार है, आरोपियों की तलाश जारी है। धान खरीदी में फर्जीवाड़ा के मामले में केंद्र प्रभारी के खिलाफ बसना थाने में विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
पहले भी हो चुका है 2 करोड़ का फर्जीवाड़ा
आपको बता दें कि, पहले इसी खरीदी केंद्र में फर्जी रकबा बढ़ाकर धान की खरीदी कर करीब 2 करोड़ का फर्जीवाडा किया गया था। शिकायत के बाद 2 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़ा के आरोप में बसना थाना में जाडामुडा सहकारी सोसाइटी के समिति प्रबंधक उमेश भोई और एक किसान राम प्रसाद के खिलाफ बसना थाना में FIR किया गया था।