रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य में सभी पंजीयन कार्यालयों में ई-पंजीयन साफ्टवेयर के स्थान पर राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज़ पंजीकरण प्रणाली (एन.जी.डी.आर.एस.) चरणबद्ध रूप से लागू करने का निर्णय लिया गया है। जिसके तहत् मार्च-2024 के पहले तक सभी पंजीयन कार्यालयों में एनजीडीआरएस साफ्टवेयर अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एनजीडीआरएस साफ्टवेयर को तीन पंजीयन कार्यालयों अभनपुर, महासमुन्द एवं धमतरी में प्रारंभ किया गया था। ई-पंजीयन प्रणाली की बीओटी अवधि समाप्ति उपरान्त अब सभी पंजीयन कार्यालयों में एनजीडीआरएस साफ्टवेयर लागू करने का कार्य तेजी के साथ किया जा रहा है। इसके लिए पंजीयन विभाग द्वारा सभी प्राथमिक तैयारी की जा रही है, जिसमें हार्डवेयर उपकरणों, नेटवर्क लाईन की व्यवस्था के साथ-साथ विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
45 दस्तावेजों का हुआ पंजीयन
एनजीडीआरएस प्रणाली के पायलट रन के दौरान तीन पंजीयन कार्यालयों में अब तक लगभग 45 हजार से अधिक दस्तावेजों का पंजीयन किया जा चुका है। द्वितीय चरण में धमतरी एवं महासमुन्द जिले के पंजीयन कार्यालयों सराईपाली, बसना, पिथौरा, कुरूद एवं नगरी में 11 जनवरी 2024 से लागू किया गया है। शीघ्र ही एनजीडीआरएस प्रणाली को राज्य के सर्वाधिक व्यस्तता वाले रायपुर पंजीयन कार्यालय में लागू किया जाना है, जिसके सफल संचालन उपरान्त, आवश्यक हार्डवेयर सह-उपकरण स्थापन कर शेष सभी पंजीयन कार्यालयों में एनजीडीआरएस प्रणाली लागू की जाएगी।
11 राज्यों में एनजीडीआरएस प्रणाली से हो रहा कार्य
भारत सरकार द्वारा पंजीयन प्रणाली को और अधिक कारगर एवं सुविधाजनक बनाये जाने हेतु एनआईसी पुणे के माध्यम से एक कॉमन जेनरिक सॉफ्टवेयर (एनजीडीआरएस) विकसित किया गया है। राज्यों के आवश्यकता के अनुरूप इस सॉफ्टवेयर को कस्टमाईज कर एनआईसी के माध्यम से लागू किया जाता है। इस प्रणाली को लागू करने के लिए एनआईसी द्वारा केवल साफ्टवेयर उपलब्ध कराया जाता है, शेष सभी संशाधनों तथा परिचालन का कार्य संबंधित विभाग के द्वारा किया जाता है। इस परियोजना में अब तक देश के 11 राज्यों में एनजीडीआरएस प्रणाली से पंजीयन कार्य किया जा रहा है।
समय की होगी बचत
एनजीडीआरएस प्रणाली में सभी राज्यों का डाटा एनआईसी के क्लाउड सर्वर में सुरक्षित रूप से संधारित होता है। केन्द्रीय रूप से डाटा संधारित होने से वेबसाईट के माध्यम से कहीं से भी सुरक्षित आई०डी० पासवर्ड के माध्यम से सभी प्रकार की आवश्यक रिपोर्ट प्राप्त करने की सुविधा है। एनजीडीआरएस साफ्टवेयर के क्रियान्वयन से पंजीयन प्रक्रिया सरलीकृत होने के साथ ही पंजीयन में लगने वाले समय में भी कमी आयेगी। राजस्व विभाग के भू-अभिलेख, ई-स्टाम्पिंग, आयकर विभाग, ई-चालान व बैंकिंग प्रणाली से जुड़े होने से विभिन्न प्रकार की व्यावहारिक सहूलियतें होंगी।
ऑनलाइन वेरिफिकेशन होगा डॉक्युमेंट
एनजीडीआरएस प्रणाली में ऑनलाईन आधार एवं पैन वेरिफिकेशन के लिए संबंधित एजेन्सी से इंटीग्रेशन की कार्यवाही की जाएगी। पंजीयन शुल्क ऑनलाईन जमा करने की सुविधा हेतु बैकों से इंटीग्रेशन की कार्यवाही भी शीघ्र ही पूर्ण कर ली जाएगी। पक्षकारों को पंजीयन कार्यालय में कम से कम समय लगे एवं सुविधाजनक रूप से पंजीयन कार्य संपादित हो इसके लिए एनजीडीआरएस प्रणाली का सरलीकरण किया गया है। एनजीडीआरएस प्रणाली में ऑनलाईन आधार एवं पैन वेरिफिकेशन के लिए संबंधित एजेन्सी से इंटीग्रेशन की कार्यवाही की जाएगी। पंजीयन शुल्क ऑनलाईन जमा करने की सुविधा हेतु बैकों से इंटीग्रेशन की कार्यवाही भी शीघ्र ही पूर्ण कर ली जाएगी। पक्षकारों को पंजीयन कार्यालय में कम से कम समय लगे एवं सुविधाजनक रूप से पंजीयन कार्य संपादित हो इसके लिए एनजीडीआरएस प्रणाली का सरलीकरण किया गया है।
खसरा नम्बर से स्वत्त्व की रीयलटाईम की होगी जांच
एनजीडीआरएस प्रणाली में राजस्व विभाग के साथ इंटीग्रेशन किया गया है। जिसके तहत् पंजीयन के दौरान अचल संपत्ति के खसरा नम्बर से स्वत्त्व की रीयलटाईम जांच करने का प्रावधान है। पंजीयन के उपरान्त नामांतरण की कार्यवाही के लिए आवश्यक जानकारी राजस्व विभाग के पोर्टल में ऑनलाईन प्रेषित किये जाने का प्रावधान है।
NGDRS प्रणाली आमजनता के लिए सुविधाजनक -
एनजीडीआरएस प्रणाली में दस्तावेजों के पंजीयन के लिए पक्षकार अथवा उसके प्रतिनिधि द्वारा प्रथम बार वेबसाईट https://www.ngdrs.cg.gov.in/NGDRS_CG के सिटीजन पार्ट में ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन करने के उपरान्त सिटीजन लॉगिन कर ऑनलाईन उपलब्ध फार्म में पक्षकारों तथा संपत्ति विवरण को भरने पर स्वतः बाजार मूल्य, स्टाम्प शुल्क एवं पंजीयन शुल्क की गणना हो जाती है। इसके उपरान्त पक्षकारों द्वारा पंजीयन हेतु सुविधानुसार समय एवं तिथि का चयन कर स्वेच्छापूर्वक अपाइन्टमेंट लिया जाकर निर्धारित तिथि में पंजीयन कार्यालय में उपस्थित होकर मूल दस्तावेज प्रस्तुत किया जाएगा। पंजीयन की सभी कार्यवाही पंजीयन अधिकारियों के द्वारा पंजीयन कार्यालय में संपादित की जायेगी। दस्तावेज के पंजीयन की कार्यवाही अल्प समय में पूर्ण की जाकर, दस्तावेज की स्केनिंग उपरान्त पक्षकार को मूल दस्तावेज की वापसी की जाती है।
क्यूआर कोड से होगा ऑनलाईन प्रशिक्षण
पक्षकारों को दस्तावेज के पंजीयन की स्थिति से संबंधित समस्त जानकारी वेबसाईट https://www.ngdrs.cg.gov.in/NGDRS_CG तथा एसएमएस एलर्ट के माध्यम से दिये जाने का प्रावधान है। एनजीडीआरएस साफ्टवेयर को वर्तमान प्रचलित ई-पंजीयन प्रणाली की अपेक्षाकृत सरल बनाया गया है, नागरिकों के लिए सिटीजन पार्ट में प्रविष्टि की प्रक्रिया को समझने के लिए यूजर मैन्युअल भी उक्त वेबसाईट पर उपलब्ध कराया गया है। दस्तावेज तैयार करने का कार्य करने वाले वकील, दस्तावेज लेखकों के लिए भी साफ्टवेयर के संचालन संबंधी प्रशिक्षण दिया जाना है। विभाग द्वारा सभी उपयोगकर्ताओं को प्रशिक्षित करने के साथ-साथ ऑनलाईन विडियों भी जारी किया गया है। जिसके क्यूआर कोड को स्कैन किया जाकर कोई भी उपयोगकर्ता ऑनलाईन प्रशिक्षण प्राप्त कर सकता है, क्यूआर कोड़ सभी पंजीयन कार्यालयों में चस्पा किया गया है।
कम्पूयटरीकृत पंजीयन प्रणाली की विशेषता
पक्षकार को ऑनलाईन डाटा की प्रविष्ट कर अपॉईन्टमेंट लेना होता है। कार्यालय मे किसी प्रकार की डाटा एन्ट्री नही होती है। उप पंजीयक द्वारा पंजीयन की सभी प्रक्रिया ऑनलाईन की जाती है। ऑनलाइन संपत्ति के बाजार मूल्य की सटीक गणना के साथ नियम आधारित मूल्यांकन होने से एनजीडीआरएस प्रणाली पारदर्शी है। पक्षकार द्वारा ऑनलाईन सभी जानकारी स्वतः प्रविष्टि किये जाने से, त्रुटि की संभावना कम एवं दस्तावेज की पर्याप्त जांच संभव। डिजीटल फोटो एवं हस्ताक्षर लिये जाने का प्रावधान होने से पंजीयन प्रणाली सुरक्षित एवं भरोसेमंद है। राजस्व विभाग से इंटीग्रेशन के फलस्वरूप विक्रयशुदा खसरे तथा मालिकाना हक की जांच करना आसान हो जाएगा।