रायपुर। शनिवार सुबह 11 बजे रायपुर शहर थर्रा गया। दो बाइक सवार शूटरों ने दिनदहाड़े एक कारोबारी पर गोलियां बरसा दीं। घटना राजेंद्र नगर से तेलीबांधा जाने वाली सर्विस रोड के पास मुक्तिधाम की है। शूटर पीआरए बारब्रिक प्रोजेक्ट लिमिटेड कंपनी के हेड प्रहलाद अग्रवाल को डराने के इरादे से यहां पहुंचे थे। रेकी करते हुए नकाबपोश उस समय कारोबारी के पीआरए दफ्तर पहुंचे। कारोबारी कुछ मिनट पहले ही मर्सिडीज कार से वहां पहुंचा था। कार से उतरकर कारोबारी दफ्तर के अंदर चला गया, वहीं चालक कार को पार्किंग में रिवर्स कर खड़ी कर रहा था।
इसी दौरान शूटरों ने कार पर फायरिंग कर दी। आरोपियों ने दो राउंड गोली चलाई, जिसमें एक गोली हवा में और दूसरी कार की बोनट पर टकराकर ड्राइवर सीट के कांच में जा लगी। इस वारदात के बाद आरोपी फरार हो गए। इधर वारदात के 10 मिनट बाद पुलिस को इसकी सूचना मिल गई थी, जिसके बाद आरोपियों को पकड़ने शहर के चारों तरफ नाकेबंदी कर दी गई। साथ ही जिस मार्ग से आरोपी भागे है, उस इलाके के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं।
नाकेबंदी से पहले ही छिपे या फरार
बदमाश पूरी प्लानिंग के साथ आए थे। उन्होंने पहले फायरिंग की और उसके बाद बाइक को कुछ दूर ही छोड़ दिया। उन्हें अहसास था कि उस बाइक के साथ वे पकड़े जा सकते हैं। लिहाजा उसे छोड़कर चले गए। माना जा रहा है कि नाकेबंदी होने से पहले ही वे किसी दूसरे वाहन में बैठकर शहर से निकल गए हों या किसी अज्ञात जगह पर छिपे हों। पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।
सुराग तलाशने खोजी कुत्ते की मदद
बदमाशों के फरार होने के बाद पुलिस को उनकी बाइक मिल गई। उसकी जांच की गई। खोजी कुत्तों को लगाया गया। उन्होंने बाइक को सूंघकर कुछ दूर गए। वहां एक ऑटो के पास जाकर रुके हैं। पुलिस उससे जुड़े हर पहलू की जांच कर रही है। बाइक झारखंड पासिंग की है।
दर्जनों सीसीटीवी खंगाले जा रहे
बाइक छोड़ने के बाद दोनों आरोपी पैदल भागे हैं या फिर किसी ऑटो या अन्य साधन से भागे हैं। इसका पता लगाने के लिए पुलिस केनल लिंकिंग रोड क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाल रही हैं। पुलिस को यह भी शक है कि अगर आरोपी अगर भागे नहीं हैं तो शहर में ही कहीं ठहरे हुए हैं, जो मामला शांत होने के बाद फरार होने की तैयारी में होंगे। उससे पहले ही उन्हें दबोचने की तैयारी की जा रही है।
दो महीने पहले गिरफ्तार हुए थे चार शूटर
रायपुर पुलिस ने करीब दो माह पूर्व पचपेड़ी नाका में अमन साहू गैंग के 4 शूटरों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों ने बड़े कोयला कारोबारी की हत्या की सुपारी ली थी। इससे पहले की शूटर वारदात को अंजाम दे पाते पुलिस उन तक पहुंच गई। आरोपियों में दो को पचपेड़ी नाका और एक को रेलवे स्टेशन तथा चौथे को राजस्थान से गिरफ्तार किया था। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह ने सोशल मीडिया में धमकी भरा ई- मेल वायरल किया था, जिसमें आगामी दिनों में कभी भी कारोबारी या उसके परिवार के किसी भी सदस्य की हत्या करने की बात कही गई थी। पीआरए कंपनी के कारोबारी पर हमले के पीछे भी अमन- मयंक गैंग का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है।
झारखंड गैंग का हाथ होने की आशंका
रायपुर एएसपी लखन पटले ने बताया कि,इस वारदात के पीछे झारखंड के किसी गैंग का हाथ होने की आशंका है, क्योंकि बाइक झारखंड पासिंग नंबर की है। हालांकि बाइक चोरी की या नंबर फर्जी भी हो सकता है। इसका पता लगाया जा रहा है।
चश्मदीदों ने कहा- 5 से 6 गोली चलीं
हरिभूमि ने इस वारदात को लेकर कारोबारी के दफ्तर से लगे कुछ चश्मदीदों से भी बातचीत की। इसमें कारोबारी के दफ्तर से लगा मित्रो ढाबा व रेस्टारेंट में काम करने वाली एक महिला ने बताया कि जिस समय वारदात हुई उस समय वह ढाबा में अकेली थी। गोली चलने की आवाज सुनकर जब वह बाहर निकली तो कुछ और गोलियां चलने लगी, जिसके बाद डर से वह वापस ढाबा के अंदर चली गई। उसने बताया कि करीब 5-6 गोलियां चली हैं। ढाबा के बगल में कृष्णा नाम से टायर की थोक दुकान है। इस दुकान में उस समय 5-6 कर्मचारी काम कर रहे थे। इनमें से एक कर्मचारी ने बताया कि गोलियां चलने की आवाज सुनकर अन्य कर्मचारियों के साथ वह भी बाहर आ गया था। इस वारदात के दौरान करीब 5 से 6 गोलियां चली हैं। वारदात के बाद वह कारोबारी के दफ्तर के बाहर भी पहुंचा था। ब्लू रंग की मर्सिडीज कार के बोनट पर गोली लगने का निशान था तथा सामने का कांच क्रेक हो गया था। उसने बताया कि संभवतः बोनट से टकराकर गोली कांच पर जा लगी होगी। पीआरए दफ्तर के बगल में भवन निर्माण का कार्य चल रहा है। यहां ड्यूटी कर रहा एक चौकीदार ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि वारदात के दौरान कम से कम 5 से 7 गोली चली है। शुरू में एक दो गोली चली थी, जिसकी आवाज सुनकर वह समझा कि बाहर में पटाखे फूट रहे हैं। इसे देखने के लिए जब तक वह बाहर आता फिर गोलियां चलने लगी।
सुरक्षा कर्मियों ने की जवाबी फायरिंग
इधर, बताया जा रहा है कि कारोबारी के सुरक्षाकर्मियों ने फायरिंग की आवाज सुनी। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने की जवाबी फायरिंग की। उन्होंने बचाव में दो से तीन राउंड की फायरिंग की। जवाबी फायरिंग के बाद शूटर मौके से फरार हो गए। पुलिस ने की जवाबी फायरिंग की पुष्टि की है। इस बीच, तेलीबांधा थाना में हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है।
रास्ते में बाइक छोड़कर भागे
फायरिंग करने वाले नकाबपोश पूरी प्लानिंग के साथ आए थे। फायरिंग करने से पहले आरोपी बाइक से कारोबारी के दफ्तर से कुछ दूर आगे तक गए। इसके बाद वापस लौटकर कार पर फायरिंग की। इस फायरिंग के बाद आरोपियों ने बाइक को केनल लिंकिग रोड पर लावारिस छोड़कर फरार हो गए। आरोपियों का पता था कि अगर वे बाइक से भागेंगे तो वे पकड़े जाएंगे। पुलिस ने बाइक को बरामद कर लिया है। बाइक में झारखंड पासिंग नंबर है। यह नंबर फर्जी या फिर बाइक चोरी की भी हो सकती है।
वसूली गैंग का हाथ, खौफ पैदा करने की कोशिश
आशंका जताई जा रही है कि, इसके पीछे आरोपियों का मकसद कारोबारी की हत्या करने का नहीं था, बल्कि डराना था। खबर है कि बारब्रिक प्रोजेक्ट लिमिटेड कंपनी को झारखंड राज्य में कंस्ट्रक्शन का एक बड़ा प्रोजेक्ट मिला है। यह प्रोजेक्ट करोड़ों का बताया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के मिलने के बाद ही कारोबारी पर हमला हुआ है। माना जा रहा है कि हमला रकम वसूली करने के लिए या फिर प्रोजेक्ट से हटाने के उद्देश्य से किया गया है। हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जब तक आरोपी पकड़े नहीं जाते कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। पुलिस इस मामले में कारोबारी से भी पूछताछ कर रही है कि कहीं किसी से दुश्मनी या धमकी तो नहीं मिली है। इधर जिस तरह से कारोबारी की सिर्फ कार पर हमला हुआ है, उसे देखकर यहीं लग रहा है कि यह हमला डराने के इरादे से किया गया है, न की हत्या के इरादे से।