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राजधानी रायपुर के शंकर नगर स्थित मोमोमिआ कैफे में रविवार को ओपन ‘माइक इंडिया’ ने काव्य प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस आयोजन में शहर के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से समां बांधा।

रायपुर। किसी ने कमाल की बात कही है, “मनुष्य होना भाग्य है और कवि होना सौभाग्य”। लेकिन इस भागदौड़ भरी जिंदगी में बहुत से कम कलाकार अपने “सौभाग्य” को अपनी पहचान बना पाते हैं। ऐसे ही छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के शंकर नगर स्थित मोमोमिआ कैफे में रविवार को ओपन ‘माइक इंडिया’ ने काव्य प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस आयोजन में शहर के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से समां बांधा। प्रतियोगिता में प्रतीक कश्यप ने प्रथम स्थान, निशा साहू ने दूसरा स्थान और यामिनी पांडे ‘सूर्यजा’ ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है।  

प्रतिभागियों ने अपनी कविता के माध्यम से देश के जवानों को नमन किया। छत्तीसगढ़ी बोली में कविता प्रस्तुत कर प्रदेश की संस्कृति की झलक प्रस्तुत की। वहीं प्रभु श्री राम, जीवन मूल्यों, गांव से शहर के पलायन की पीड़ा और प्रेम पर भी अपनी बात रखी। प्रसिद्ध कवयित्री उर्मिला देवी, वीर रस के कवि रिक्की बिंदास और छत्तीसगढ़ी गीतकार मन्नुलाल यदु निर्णायक रहे। हास्य और व्यंग्य कवि यशवंत यदु ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में हास्य कवि जितेंद्र वर्मा, नुपूर साहू और रॉकी रॉक का भी विशेष योगदान रहा। 

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निर्णायकगण

उभरते कलाकारों को मंच प्रदान करता ‘ओपन माइक इंडिया’

बता दें कि, ‘ओपन माइक इंडिया’ के फाउंडर 21 वर्षीय राहुल सोनकलिहारी श्रृंगार रस के कवि हैं। यह संस्था उभरते कलाकारों को मंच प्रदान करती है। एक युवा कवि की यह पहल वास्तव में सराहनीय है। इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए दुर्ग-भिलाई, राजनांदगांव और प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से कलाकार आए थे। इनमें अरविंद साहू, भूपेश साहू, निशा साहू, पिताबंर साहू, यामिनी सूर्यजा, रिया पटेल, परम भारती, शिव, पूजाली पटले, प्रतीक कश्यप, विजय चंद्रवंशी, मंथन, अजहर अली, मुकेश, सुनीता, प्रीती, भास्कर, सुनील, खुशबू सोरी, वर्षा पांडे और अन्य कलाकार शामिल रहे। 

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