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Chhattisgarh Anti Naxal Operation: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे के लिए पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह प्रयासरत हैं। जब से हम सरकार में आए हैं, नक्सलवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ रहे हैं।

Chhattisgarh Anti Naxal Operation: छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार आने के बाद से नक्सलवाद (माओवाद) के खिलाफ सख्त एक्शन देखने को मिल रहा है। पहले तो नक्सलियों से मुख्य धारा में लौटने की अपील की जा रही है। इसके बाद भी अगर नक्सली हिंसा का रास्ता नहीं छोड़ रहे तो उन्हें ढूंढ-ढूंढकर खत्म किया जा रहा है। साल 2024 में अब तक 103 नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर में ढेर किया है।  

ताजा घटनाक्रम में बीजापुर में शुक्रवार, 10 मई को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 12 नक्सली मारे गए। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे के लिए पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह प्रयासरत हैं। जब से हम सरकार में आए हैं, नक्सलवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ रहे हैं। डबल इंजन सरकार का फायदा छत्तीसगढ़ को मिल रहा है। 

कब-कब हुए बड़े एनकाउंटर?

10 मई, 2024: बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 12 नक्सली मारे गये थे। यहां पढ़िए पूरी खबर

30 अप्रैल 2024: नारायणपुर और कांकेर जिले की सीमा पर मुठभेड़ में 3 महिलाओं समेत 11 नक्सली मारे गए। यह मुठभेड़ अबूझमाड़ इलाके में हुई थी। सुरक्षाबलों ने एक एके-47, गोला बारुद और विस्फोट बरामद किए थे। यहां पढ़िए पूरी खबर

16, अप्रैल 2024: कांकेर जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गए। बाद में सर्च ऑपरेशन से सुरक्षाबलों ने 5 एके-47, 3 एसएलआर, एक इंसास राइफल और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया था। मारे गए नक्सलियों में 25 लाख के इनामी शंकर राव ललिता भी शामिल थी। यहां पढ़िए पूरी खबर

Chhattisgarh Naxal operation
छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों ने नक्सल विरोधी अभियान तेज कर दिया है।

एक महीने के भीतर तीन बड़ी मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ कांकेर, नारायणपुर और बीजापुर जिलों के जंगलों में तब हुई, जब सुरक्षा बलों की संयुक्त टीमें खुफिया सूचनाओं के आधार पर नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थीं। इस वर्ष छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में मारे गए नक्सलियों की कुल संख्या 103 तक पहुंच गई है। 

Chhattisgarh Naxal operation
प्रतीकात्मक इमेज।

ये इलाके नक्सलवाद से प्रभावित
छ्त्तीसगढ़ में बस्तर, बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, कांकेर, गरियाबंद, नारायणपुर, बस्तर, कोंडागांव, कोरबा, मुंगेली का क्षेत्र दशकों से नक्सलवाद के आतंक से जूझ रहा है। घने जंगल और दुर्गम पहाड़ियों को ढाल बनाकर ये नक्सली ग्रामीणों को डराते धमकाते हैं। सरकारी योजनाओं में बाधा पैदा करते हैं। इन नक्सलियों पर नकेल कसने के लिए सुरक्षाबलों ने अभियान तेज कर दिया है। 

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