Logo
पंचायत एवं नगरीय निकायों के अधीन काम करने वाले शिक्षाकर्मियों का संविलयन किया गया था। अब शिक्षा विभाग ने इन बचे हुए शिक्षा कर्मियों के संविलयन के लिए प्रस्ताव मंगाए हैं। 

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कुछ वर्ष पूर्व राज्यभर के पंचायत एवं नगरीय निकायों के अधीन काम करने वाले शिक्षाकर्मियों का संविलयन किया गया था, लेकिन इस पूरी प्रक्रिया के दौरान करीब 300 सहायक शिक्षक, शिक्षक व्याख्याता (पंचायत एवं नगरीय निकाय) का संविलियन नहीं हो पाया था। अब शिक्षा विभाग ने इन बचे हुए शिक्षा कर्मियों के संविलयन के लिए प्रस्ताव मंगाए हैं। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के संचालनालय को इस संबंध में तीन दिनों के अंदर जानकारी लोक शिक्षण विभाग के संचालनालय को देनी है।

इसलिए नहीं हुआ था संविलियन

पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने वर्ष 2018 के अंत में राज्य के करीब 1 लाख 80 हजार शिक्षा कर्मियों के संविलियन को मंजूरी दी थी। लेकिन इस प्रक्रिया के बीच उन शिक्षा कर्मियों का संविलियन नहीं हो राया था जिनके विरुद्ध न्यायलयीन प्रकरण लंबित थे, कई लंबे समय से कार्य पर अनुपस्थित थे, कुछ को अलग-अलग कारणों से निलंबित थे। अब लोक शिक्षण संचालनालय ने ऐसे शिक्षा कर्मियों का संविलियन करने की तैयारी की है।

इसे भी पढ़ें...बस स्टैंड में नहीं चलेगी दादागिरी, यात्रियों के साथ जबरदस्ती करने पर होगी जेल

प्रस्ताव में शामिल होगी ये जानकारी

संविलियन के लिए मंगाए गए प्रस्ताव के साथ ही लोक शिक्षण विभाग ने एक प्रोफार्मा जारी कर संबंधित शिक्षा कर्मियों के संबंध में जानकारी भी मांगी है। इसमें कर्मचारी का नाम, पदनाम, कार्यरत संस्था, नगरीय निकाय में नियुक्ति की तिथि, कार्यभार ग्रहण करने की तारीख, संविलियन के लिए दो साल की समयावधि पूर्ण होने की तिथि, अब तक संविलियन न होने का कारण, संविलिय न होने का कारण बने प्रकरण का निराकरण हुआ है या लंबित है। इसके साथ ही निकाय के मुख्य नगर पालिका अधिकारी का अभिमत और अनुशंसा भी मांगी गई है। इस संबंध में संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास ने सभी संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास को पत्र जारी कर संविलयन से बचे शिक्षाकर्मियों के संबंध में तीन दिनों में जानकारी देने कहा है।
 

5379487