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अप्रैल माह में हुए बड़े नक्सली मुठभेड़ में जवानो ने 29 नक्सलियों को मार गिराया था। आज केंद्रीय दक्षता पदक से कांकेर के 58 जवानो को सम्मानित किया गया है। 

गौरव श्रीवास्तव- कांकेर। इस साल अप्रैल माह में उस दौरान का सबसे बड़ा नक्सल एनकाउंटर हुआ था जिसमें 29 नक्सली मारे गए थे। ये उस समय तक की सबसे बड़ी नक्सल मुठभेड़ थी। अब इस मुठभेड़ में अपने शौर्य का प्रदर्शन करने वाले एसपी आई के एलिसेला समेत 58 जवानो को केंद्रीय दक्षता पदक से सम्मानित किया गया है। इसमें इस भीषण एनकाउंटर को लीड करने वाले दो निरीक्षक लक्ष्मण केवट और रामेश्वर देशमुख भी शामिल हैं। 

15 अप्रैल की रात पहली बार फोर्स कोटरी नदी को पार कर हापाटोला के जंगलों में घुसी थी। जवान इस इलाके से बिल्कुल अनजान थे। रात नक्सलियों के गढ़ में बिताने के बाद जवानो ने 16 अप्रैल को जब नक्सलियों की बड़ी टीम को घेरा तो शुरुआती गोलाबारी में पुलिस के 3 जवान घायल हो गए तब लगा कि, फोर्स नक्सलियों के ट्रैप में फंस गई है। लेकिन जवानों ने हौसला नहीं खोया और नक्सलियों के नापाक मंसूबों को तोड़ते हुए एक के बाद एक 29 नक्सली ढेर कर दिए। 

शंकर राव सहित मारे गए 29 नक्सली 

इसमें शंकर राव जैसा खूंखार नक्सली भी शामिल था। जैसे ही मुठभेड़ में 29 नक्सलियों के मारे जाने की खबर सामने आई  प्रदेश से लेकर दिल्ली तक कांकेर के इन बहादुर जवानो की तारीफ में कसीदे पढ़े जाने लगे। अब केंद्रीय दक्षता पदक से इन सभी जवानों का सम्मान कर केंद्र सरकार ने नक्सल मोर्चे पर अपनी जान की बाजी लगाने वाले जवानों का हौसला बढ़ाया है। 

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जवानों ने लगाई थी अपनी जान की बाजी 

एसपी आई के एलिसेला ने कहा कि, जवानों ने अपनी जान की बाजी लगाई थी जिसके कारण ही जिले में आज नक्सलवाद में कुछ कमी देखी जा रही है। इस मुठभेड़ के ठीक बाद लोकसभा चुनाव में नक्सली किसी तरह की हरकत नहीं कर पाए थे। उन्होंने कहा कि, आगे भी जवान इसी बहादुरी से नक्सल मोर्चे पर तैनात रहेंगे और 2026 तक नक्सलियों को उखाड़ फेंकने के टारगेट तक पहुंचना ही उनका प्रयास होगा। 

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