अनिल उपाध्याय- सीतापुर। छत्तीसगढ़ के सीतापुर जिले में पिछले 15 दिनों से नौ हाथियों का दल जंगलों में डेरा जमाए हुए है। जंगल से सटे गांव में लगे फसलों को वे तबाह कर रहे हैं। अब तक खेतों में लगे आलू और रहर के फसलों को काफी नुकसान पहुंचा चुके हैं।
हाथियों की निगरानी में लगे वन विभाग के अफसर लोगों को जंगली हाथियों से दूर रहने की सलाह दे रहे हैं। ताकि जान-माल के नुकसान से लोगों को बचाया जा सके। जंगल में हाथियों की मौजूदगी से आसपास के गांवों के लोगों की नींद हराम हो गई है। हाथियों के डर से लोग रतजगा करने को मजबूर हैं।
जंगल से सटे गांव की फसलों को पहुंचाया नुकसान
बता दें कि, ग्राम ढोंढागांव के जंगलों में पिछले 15 दिनों से जंगली हाथियों का दल डेरा जमाए हुए है। इस दल में दो शावक और एक दंतैल समेत नर-मादा हाथी मिलाकर कुल नौ हाथी हैं। वे जंगल के आसपास के गांवों में घूम-घूम कर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। हाथियों के दल ने खेतों में लगे आलू की फसल समेत रहर की खेती को तबाह कर दिया है। पखवाड़े भर के अंदर जंगली हाथियों ने वंशीपुर, ठेठेटाँगर, राताखाँड़, बोड़ाझरिया समेत अन्य गांवों में फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है।
जंगली हाथियों पर रखी जा रही निगरानी
इस संबंध में वनपरिक्षेत्राधिकारी विजय कुमार तिवारी ने बताया कि, वन विभाग का मैदानी अमला जंगल में हाथियों को लेकर सतर्क है। लगातार उनपर निगरानी रखी जा रही है। लोगों को भी हाथियों से दूर रहने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि, जंगली हाथियों ने जिन किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया है उसका आंकलन किया जा रहा है। इसके बाद प्रभावितों को नुकसान फसल का मुआवजा दिया जाएगा।